रांची : संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2011 में ममता वाहन शुरू किया था. पंचायत स्तर पर इस सेवा को और सुदृढ़ करने के निर्देश दिये गये हैं. इस संबंध में झारखंड स्वास्थ्य मिशन समिति के मातृत्व स्वास्थ्य कोषांग की नोडल पदाधिकारी डॉ पुष्पा ने सभी सिविल सर्जन, जिला कार्यक्रम प्रबंधक व जिला कार्यक्रम समन्वयक को पत्र लिखा है. वहीं, इसका नया लोगो भी जारी किया गया है.
शुरुआती दौर में जब पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम थीं, तब जिले के सभी अस्पतालों में ममता वाहनों की भीड़ लगी रहती थी. नियम के तहत प्रत्येक पंचायत में कम से कम दो ममता वाहन रखने का प्रावधान है, लेकिन अभी राज्य की 4,254 पंचायतों में सिर्फ 2,627 ममता वाहन ही सेवा दे रहे हैं. रांची जिले में 78 ममता वाहन हाल तक सेवाएं दे रहे थे. लेकिन, अब इसकी संख्या बहुत कम हो गयी है. ज्यादातर पंचायतों में एक भी ममता वाहन नहीं है.
Also Read: रांची : सरयू राय ने स्वर्णरेखा और खरकई नदियों का प्रदूषण रोकने की मांग की