झारखंड में इस साल क्यों पड़ रही है इतनी गर्मी, जानिए कारण
रांची समेत पूरे राज्य के लोग गर्मी की मार झेल रहे हैं. जिसके कारण लोगों को गर्मी से असहजता महसूस हो रही है. आखिर इस बार ऐसा क्या हो गया है कि गर्मी इतनी तेज पड़ रही है. तो आइये जानते हैं झारखंड में क्यों पड़ रही है इतनी गर्मी...
Severe heat in Jharkhand: रांची समेत पूरे राज्य में गर्मी इस कदर पड़ रही है कि लोगों का जीना मुहाल हो गया है. चिलचिलाती धूप और गर्मी से लोग परेशान हैं. सुबह 10 बजे के बाद से ही लू जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इस बार झारखंड की राजधानी रांची में भी भीषण गर्मी पड़ रही है. दरअसल, रांची हमेशा से अपने ठंडे मौसम के लिए जाना जाता रहा है. लेकिन पहली बार लोग यहां असहनीय गर्मी का अनुभव कर रहे हैं. हालांकि मौसम विभाग लगातार तेज गर्मी की भविष्यवाणी कर रहा है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि आखिर इस बार ऐसा क्या हो गया है कि गर्मी इतनी तेज पड़ रही है. तो आइये जानते हैं झारखंड में क्यों पड़ रही है इतनी गर्मी…
मौसम विभाग ने किया था पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने अपने पिछले पूर्वानुमान में कहा था कि झारखंड में इस साल लू की अवधि पिछले साल से ज्यादा रहेगी. वहीं, जून की शुरुआत में जब रिपोर्ट्स आईं तो रांची का तापमान 39.7 डिग्री सेल्सियस था और शाम पांच बजे तक लू चलती रही. इसी अवधि के दौरान, गोड्डा जिले का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस और डाल्टनगंज का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस था. भीषण गर्मी को देखते हुए गिरडीह, देवघर और गोड्डा जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया. बाकी जिलों के लिए येलो अलर्ट घोषित किया गया.
आखिर रांची में क्यों पड़ रही है इतनी गर्मी?
बात करें रांची में इस साल की गर्मी की तो इसके कई कारण हो सकते हैं. हालांकि झारखंड राज्य बनने के बाद रांची की आबादी लगभग दोगुनी हो गई है. रांची का भूभाग पथरीला है. शहर अब कंक्रीट का जंगल बन गया है. कभी रांची का हिस्सा रही हरियाली अब यहां देखने को नहीं मिलती. इन कंक्रीट की इमारतों पर सीधे पड़ने वाली गर्मी अवशोषित हो जाती है और वापस वातावरण में विकीर्ण हो जाती है. जिसके चलते वायुमंडल के ऊपरी स्तरों से ऊपरी हवा जमीन की ओर खींची जाती है. जहां यह संकुचित हो जाती है और उच्च तापमान की ओर ले जाती है. विद्वान बताते हैं कि इससे पहले, वनस्पतियों, तालाबों और पार्कों ने वाष्पीकरण में मदद की और रांची में बारिश हुई, जिससे यह ज्यादातर ठंडा रहा. रांची में पहले भी गर्मी की तपिश हुआ करती थी. लेकिन जैसे ही तापमान 38 से 40 डिग्री तक पहुंचता, बारिश हो जाती थी. आजकल तापमान 40 डिग्री से भी ऊपर चला जाए तो भी बारिश नहीं होती है.
जनसंख्या वृद्धि भी गर्मी का कारण
जनगणना के अनुसार, 1951 और 2011 के बीच रांची की जनसंख्या 1,06,849 से बढ़कर 10,73,427 हो गई. एक रिपोर्ट के अनुसार रांची के केवल नगर निगम क्षेत्र में दस लाख से अधिक की आबादी है और पूरे जिले में तीस लाख से अधिक आबादी है. 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की जनसंख्या लगभग 3.29 करोड़ है और वर्तमान में लगभग 4 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है. 24 जिला मुख्यालयों में 15,25,412 घर हैं, जिन्हें बढ़ाकर 21,96,593 करने का अनुमान लगाया गया है.
जलवायु परिवर्तन निभा रहा अहम भूमिका
पिछले वर्ष मार्च के अंतिम सप्ताह से अप्रैल तक लू का प्रकोप जारी रहा. हालांकि इस साल अप्रैल-मई में शुरू हुई गर्मी की लहर जून के दूसरे सप्ताह तक बनी हुई है. मौसम विज्ञान विभाग रांची के निदेशक अभिषेक आनंद का मानना है कि जलवायु परिवर्तन अहम भूमिका निभा रहा है. जनसंख्या और प्रदूषण कई गुना बढ़ गया है. इन गतिविधियों के कारण स्थानीय स्तर पर शहर में लू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. जलवायु परिवर्तन ने मौसम के चक्र को भी प्रभावित किया है. झारखंड में वनों की कटाई और बढ़ती आबादी भी चिंता का विषय रही है.
बारिश के पैटर्न में आया बदलाव
जलवायु परिवर्तन ने राज्य में सामान्य वर्षा को प्रभावित किया है. पिछले 70 सालों में बारिश के पैटर्न में बदलाव आया है. मौसम विभाग के मुताबिक 1951 से 2000 के बीच करीब 1091.9 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. 1961 से 2010 के बीच यह घटकर 1054.7 मिमी रह गया और 1971 से 2020 के बीच यह 1022.9 मिमी हो गया है.
झारखंड में किस साल रही सबसे ज्यादा गर्मी
मौसम विभाग का मानना है कि रांची या झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरा देश भीषण गर्मी की चपेट में है. पिछले वर्ष 28 अप्रैल तक लगभग 80 प्रतिशत देश लू की मार झेल रहा था.
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इस बार (2023) मार्च के महीने में 33.10 डिग्री सेल्सियस का चौंकाने वाला औसत दर्ज किया गया है, जो पिछले 122 वर्षों में सबसे अधिक (1901 में 33.09 डिग्री) था.
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वहीं, दो साल के अंतराल में रांची के तापमान ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले साल बढ़ते पारा ने 44 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया था.
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1969 और 2014 के बीच शहर का औसत तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस और 2015 और 2021 के बीच 36.7 डिग्री सेल्सियस था.
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2022 में औसत तापमान बढ़कर 39.4 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था.
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पिछले साल अप्रैल में, रांची में एक भी दिन बारिश नहीं हुई. झारखंड के अन्य जिले भी अधिकतम तापमान 46 डिग्री की चपेट में रहा.
कब आएगा मानसून
झारखंड में 18 से 21 जून के बीच मानसून आने के संकेत मिलने लगे हैं. मौसम केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के अनुसार इससे पहले लोगों को गर्मी से राहत की उम्मीद नहीं है. इससे पूर्व हवा में नमी रहेगी. इसे लेकर उमस की स्थिति बनी हुई है. सुबह में तेज धूप के कारण गर्मी बढ़ी है.