Jharkhand News: झारखंड में बच्चियों के लिंगानुपात में आयी गिरावट, शहरी इलाकों में सबसे कम
झारखंड में 1000 बेटों पर मात्र 899 बेटियां ही ले रहीं जन्म. एनएफएचएस-पांच की रिपोर्ट को मानें तो शहरी क्षेत्र में 1,000 बेटों पर 781 बेटियों का जन्म हुआ.
रांची : झारखंड में बच्चियों के लिंगानुपात में गिरावट आयी है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट को मानें तो पिछले पांच वर्षों में जन्म लेनेवाले बच्चों का लिंगानुपात एनएफएचएस-4 से घट गया है. बेटों की तुलना में बेटियां कम जन्मी हैं. रिपोर्ट में एनएफएचएस-4 में प्रति 1,000 बेटों पर 919 बेटियां थीं, लेकिन एनएफएचएस-5 में घटकर 1,000 बेटों पर 899 बेटियां हो गयी हैं. यानी कि बेटियों की संख्या पिछले पांच साल में 20 कम हो गयी है. यह आंकड़ा चिंता का बड़ा कारण है, क्योंकि राज्य में 1,000 बेटों पर 101 बेटियां कम हैं.
शहर में ही बेटियों का कम जन्म :
रिपोर्ट के अनुसार, शहरी इलाकों में पांच साल में जन्म लेनेवाले बेटों की तुलना में बेटियां सबसे ज्यादा कम हैं. एनएफएचएस-पांच में शहरी क्षेत्र में 1,000 बेटों पर 781 बेटियों का जन्म हुआ. वहीं गांवों में 926 बेटियों का जन्म हुआ. इधर,15 साल से नीचे की जनसंख्या में भी कमी आयी है. एनएफएचएस-4 में इनकी कुल आबादी 32.9% थी, जो एनएफएचएस-पांच में घटकर 31.3% हो गयी है. 15 साल से नीचे की जनसंख्या में शहरी क्षेत्र का आंकड़ा 25.2% है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में यह 33.2% है.
लिंगानुपात बढ़ा :
राज्य में कुल जनसंख्या का लिंगानुपात (1,000 पुरुषों पर महिलाएं) बढ़ा है. एनएफएचएस-5 में 1,000 पुरुषों पर 1,050 महिलाएं हैं, वहीं इससे पूर्व एनएफएचएस-4 की रिपोर्ट में 1,000 पुरुषों पर 1,002 महिलाएं थी. यानी एनएफएचएस-4 की तुलना में एनएफएचएस-5 में 48 की वृद्धि हुई है. कुल जनसंख्या के लिंगानुपात में शहरी क्षेत्र की भागीदारी ग्रामीणों की तुलना में कम है. शहरी क्षेत्र में 1,000 पुरुषों पर 989 महिलाएं हैं. गांवों में 1,000 पुरुषों पर 1,070 महिलाएं हैं.
Posted By: Sameer Oraon