शाहिना और सबीना संस्कृत से कर रही हैं पीजी
पढ़ने की लगन और कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो कोई भी दीवार रास्ता नहीं रोक सकती है. चाहे कोई किसी भी धर्म या समुदाय का क्यों नहीं हो.
रांची : पढ़ने की लगन और कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो कोई भी दीवार रास्ता नहीं रोक सकती है. चाहे कोई किसी भी धर्म या समुदाय का क्यों नहीं हो. कुछ ऐसा ही कर मिसाल पेश किया है शाहिना फजल और सबीना फजल ने. लोहरदगा की रहनेवाली दोनों बहनें संस्कृत से पीजी कर रहीं हैं. इसके बाद आगे चल कर ये रिसर्च करना चाहती हैं और संस्कृत की शिक्षिका बनना चाहती हैं.
संस्कृत को चुना अपना विषयदोनों बहनों ने लोहरदगा में अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की. फिर विज्ञान से इंटर किया. स्नातक करने की बारी आयी तो दोनों ने संस्कृत से स्नातक करने का मन बनाया. इसके लिए रांची आ गयीं. रांची विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के पीजी में एक साथ नामांकन भी लिया. वर्तमान में ये पीजी फाइनल सेमेस्टर की छात्रा हैं.
विवि पीजी संस्कृत विभाग की पूर्व एचओडी डॉ नीलिमा पाठक का कहना है कि दोनों बहनें बेहतर उच्चारण के साथ संस्कृत की पढ़ाई करती हैं. हमेशा क्लास करती हैं और पूरी लगन के साथ पढ़ाई करती हैं.घरवालों का मिलता है पूरा सपोर्टशाहिना का कहना है कि वे रांची में हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती हैं.
पिताजी अयूब अंसारी सहित पूरा परिवार हमें पढ़ाई को लेकर पूरा सपोर्ट करता है. वहीं सबीना का कहना है कि भाषा में कभी तुलना नहीं करनी चाहिए. चाहे वो संस्कृत हो या फिर उर्दू. मुझे संस्कृत में रिसर्च करना है और इसके बाद संस्कृत की ही शिक्षिका बनना है.
Post by : Pritish Sahay