रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबियों के शेल कंपनियों में निवेश और माइनिंग लीज मामले में आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. यह मामला चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई होनी है. इधर सीएम हेमंत सोरेन के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि जब तक चुनाव आयोग में चल रहे मामले का फैसला न आ जाए तब तक इसकी सुनवाई स्थगित रखी जाए.
माइनिंग लीज मामले में हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने आइए पिटीशन दायर किया है. इसमें कहा गया है कि प्रार्थी शिवशंकर शर्मा द्वारा दायर पीआइएल मोटिवेटेड है. हेमंत सोरेन व उनके परिवार से व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के लिए दायर की गयी है. प्रार्थी ने राजनीतिक उद्देश्य से पीआइएल दायर की है.
वहीं, भाजपा ने माइनिंग लीज मामले में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-9ए के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए 14 फरवरी 2022 को राज्यपाल के पास एक आवेदन दिया था, जिसमें राज्यपाल ने आर्टिकल-192 (2) के तहत चुनाव आयोग से राय मांगी है. चुनाव आयोग ने भाजपा झारखंड प्रदेश बनाम हेमंत सोरेन केस (3(जी)/2022) दर्ज कर दो मई को नोटिस जारी की है.
चुनाव आयोग में 14 जून को मामले की सुनवाई है. चुनाव आयोग में केस लंबित है. पीआइएल में भी वही आरोप लगाये गये हैं. आगे बताया गया है कि एक इश्यू पर दो जगह सुनवाई हो रही है. हाइकोर्ट से यदि कोई फैसला, ऑब्जर्वेशन या फाइंडिंग आता है, तो चुनाव आयोग में चल रहा मामला प्रभावित हो सकता है.
मनरेगा घोटाले में तत्कालीन डीसी पूजा सिंघल की भूमिका की इडी जांच को लेकर दायर पीआइएल पर भी सुनवाई होगी. प्रार्थी अरुण कुमार दुबे ने उक्त पीआइएल दायर की है. मामले में प्रार्थी ने आइए दायर कर सीबीआइ को प्रतिवादी बनाने की भी मांग की .