23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Ranchi News : 1977 में टुंडी से विस चुनाव हारने के बाद शिबू सोरेन ने संताल परगना में रखा था कदम

गुरुजी सात बार दुमका से रहे सांसद, 2019 में हारने के बाद चुनाव नहीं लड़े. शिबू सोरेन टुंडी, जामा, और जामताड़ा से लड़ चुके हैं विधानसभा का चुनाव.

देवघर.

शिबू सोरेन ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत धनबाद जिले के टुंडी से की थी. उन्होंने 70 के दशक में भूमिगत रहकर टुंडी में आदिवासियों को गोलबंद किया था. इस दौरान उन्होंने वहां के महाजनों और सूदखोरों के खिलाफ संघर्ष छेड़ा था. इस आंदोलन को लोगों ने धनकटनी आंदोलन का नाम दिया था. इसी आंदोलन में टुंडी के आदिवासियों ने शिबू सोरेन को दिशोम गुरु का दर्जा दिया था.

चार फरवरी 1973 में धनबाद में झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन हुआ. लेकिन, 1977 में श्री सोरेन बतौर निर्दलीय उम्मीदवार टुंडी विधानसभा से चुनाव लड़े. टुंडी में दिशोम गुरु की प्रसिद्धि मिलने के बाद भी वे जनता पार्टी के सत्यनारायण दुदानी से हार गये. उन्हें 8532 वोटों से हार मिली थी. इस हार को वे पचा नहीं पाये. तब उन्होंने टुंडी छोड़ा और संताल परगना के दुमका पहुंचे.

गुरुजी ने दुमका से संताल में बनायी पैठ

1977 में गुरुजी दुमका पहुंचे और आदिवासियों के बीच अपनी पैठ बनायी. 1980 में दुमका में कांग्रेस के दिग्गज नेता पृथ्वीचंद किस्कू को हराकर वह पहली बार लोकसभा पहुंचे थे. इस चुनाव में निर्दलीय लड़ रहे शिबू सोरेन को 1,12,160 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के पृथ्वीचंद किस्कू को 1,08,647 वोट मिले थे.

1984 में चुनाव हार गये थे

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में लहर थी. इस लहर में शिबू भी दुमका में नहीं टिके. कांग्रेस के पृथ्वीचंद किस्कू ने उन्हें हराया. पृथ्वीचंद किस्कू को 1,99,722 एवं शिबू सोरेन को 1,02,535 वोट मिले थे.

1985 में गुरुजी जामा विधानसभा सीट से लड़े और जीते

दुमका लोकसभा सीट पर मिली हार के बाद शिबू सोरेन 1985 में हुए विधानसभा चुनाव में जामा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और जीतकर विधानसभा पहुंचे. 1989 के लोकसभा चुनाव में शिबू फिर दुमका से लड़े और कांग्रेस के पृथ्वीचंद किस्कू को हराया. उसके बाद शिबू लगातार 1991 और 1996 में दुमका से जीते. शिबू 1998 में भाजपा के बाबूलाल मरांडी से 13 हजार वोटों से हारे. 2002 लोकसभा उप चुनाव में शिबू फिर से दुमका सीट जीते. इसके बाद 2004, 2009 और 2014 में भी गुरुजी दुमका से चुनाव जीते. 2019 के लोकसभा चुनाव में वे भाजपा के सुनील सोरेन से हार गये थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें