रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने या रिश्वत लेकर वोट करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच के ऐतिहासिक फैसले पर गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने कहा है कि घूस लेकर नरसिम्हा राव सरकार को बचाने के कारण शिबू सोरेन पर केस चलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने आज यह आदेश दिया. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा भी जेल जाएंगी.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर डॉ निशिकांत ने किया ये ट्वीट
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और गोड्डा से सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर यह टिप्पणी तब की, जब सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने कहा कि पैसे लेकर सवाल करना तो जहर जैसा है. यह कैंसर की बीमारी के समान है. अगर कोई सांसद या विधायक ऐसा करता है, तो उसे भ्रष्टाचार के मामले से किसी प्रकार की रियायत नहीं मिलेगी. एक सामान्य अपराधी की तरह उनके खिलाफ मुकदमा चलेगा.
महुआ मोइत्रा पर भी साधा निशाना
डॉ निशिकांत दुबे ने पश्चिम बंगाल की सांसद महुआ मोइत्रा पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वोट फॉर नोट केस में फैसले के वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पैसे लेकर सवाल करना तो जहर जैसा है. यह कैंसर की बीमारी के समान है. काश! तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद यह समझतीं. बॉबी ब्राउन, गुस्सी (GUCCI), लुई विटन (Louis Vuitton), हर्म्स ब्रांड (Hermès Brand) आदमी से कुछ भी करवा सकता है.
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तृणमूल की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा भी जाएंगी जेल : निशिकांत दुबे
डॉ दुबे ने सोशल मीडिया साइट पर लिखा कि चंद पैसों के लिए देश की सुरक्षा व संसदीय गरिमा के खिलाफ हीरानंदानी व नवानी की दलाली करने वाली तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के कारण जेल जाएंगी? ज्ञात को कि सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों-विधायकों की रिश्वतखोरी से जुड़े अब तक के अपने तमाम फैसलों को पलट दिया है.
सामान्य अपराधी की तरह चलेगा सांसदों-विधायकों पर केस
सात जजों की बेंच ने सोमवार (4 मार्च 2024) को कहा कि नरसिम्हा राव केस में आए फैसले को भी रद्द कर दिया, जिसमें सांसदों-विधायकों को ऐसे मामलों में जांच से छूट मिली थी. शीर्ष अदालत ने आज स्पष्ट कर दिया कि अगर कोई विधायक या सांसद पैसा लेकर सवाल पूछता है या वोट डालता है, तो उसके खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा चलेगा. पैसे लेकर वोट करना या पैसे लेकर सवाल पूछना लोकतंत्र के लिए जहर के समान है. पैसे लेकर सांसद अगर संसद में कोई काम करते हैं, तो आपके खिलाफ एक सामान्य अपराधी, भ्रष्टाचारी की तरह केस चलेगा.
1998 में नरसिम्हा राव केस के फैसले को भी पलट दिया
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में सांसद या विधायक किसी प्रकार की रियायत नहीं मांग सकते. बेंच ने पीवी नरिसम्हा राव के मामले में वर्ष 1998 में दिए गए अपने उस फैसले को भी बदल दिया, जिसमें वोटिंग के लिए रिश्वत लेने वाले सांसदों को जांच से छूट दे दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे संसदीय लोकतंत्र खत्म हो जाएगा.
संसदीय लोकतंत्र के लिए खतरा है सवाल या वोट के बदले पैसे लेना
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि सात जजों की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने ऐतिहासिक फैसला दिया है. बेंच ने कहा कि अगर संसद में सवाल पूछने या राज्यसभा चुनावों में मतदान करने के बदले में आप पैसे लेते हैं, तो आप किसी प्रकार की जांच से रियायत के हकदार नहीं हैं. वोट देने या सवाल पूछने के लिए पैसे लेने की परंपरा लोकतंत्र की कार्यप्रणाली को बर्बाद कर देगी.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने एक करोड़ रुपए रिश्वत लेकर नरसिम्हा राव की सरकार बचाई थी. रिश्वतखोरी मामले में शिबू सोरेन के अलावा शैलेंद्र महतो, सूरज मंडल, कृष्णा मार्डी, साइमन मरांडी पर भी आरोप लगे थे. शैलेंद्र महतो बाद में सरकारी गवाह बन गए थे.