लोकपाल ने अदालत में शिबू सोरेन की याचिका का किया विरोध, 28 को फिर होगी सुनवाई
लोकपाल ने झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन द्वारा दिल्ली हाइकोर्ट में दायर एक याचिका का बृहस्पतिवार को विरोध किया, जिसमें भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत के आधार पर भ्रष्टाचार रोधी प्राधिकार द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गयी कार्यवाही को चुनौती दी गयी
लोकपाल ने झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन द्वारा दिल्ली हाइकोर्ट में दायर एक याचिका का बृहस्पतिवार को विरोध किया, जिसमें भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत के आधार पर भ्रष्टाचार रोधी प्राधिकार द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गयी कार्यवाही को चुनौती दी गयी है. लोकपाल ने कहा कि कार्यवाही कानून के अनुसार की जा रही है और शिकायत अभी भी निर्णय के लिए खुली है.
लोकपाल ने अदालत में कहा कि उसे शून्य भ्रष्टाचार की नीति के लिए भारत की प्रतिबद्धता के बाद सार्वजनिक पदाधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर गौर करने के लिए स्थापित किया गया है. लोकपाल का रुख श्री सोरेन की याचिका पर उनके द्वारा दायर एक जवाब पर आया, जिसमें श्री दुबे की शिकायत के साथ उनके खिलाफ भ्रष्टाचार रोधी प्राधिकार की कार्यवाही पर सवाल उठाया गया है.
अदालत ने 12 सितंबर को झारखंड के पूर्व सीएम के खिलाफ लोकपाल की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए कहा था कि इस मामले पर विचार करने की आवश्यकता है. स्थगन आदेश को हटाने के संबंध में दाखिल एक अलग जवाब में लोकपाल ने कहा कि अंतरिम राहत जारी रखना प्रतिकूल होगा और लोकपाल अधिनियम के पीछे विधायी मंशा को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा.
अगस्त 2020 में की गयी शिकायत में भाजपा नेता दुबे ने दावा किया था कि श्री सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों ने सरकारी खजाने का दुरुपयोग करके भारी संपत्ति अर्जित की है. न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने आगे विचार के लिए मामले को 28 नवंबर को सूचीबद्ध किया है. लोकपाल ने याचिका के जवाब में इस बात का उल्लेख किया कि उसकी कार्यवाही अवैध करार दिए जाने से प्रभावित नहीं हुई है और न ही कानून की प्रक्रिया का कोई दुरुपयोग हुआ है तथा न ही याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का कोई उल्लंघन हुआ है.