रांची में निकली शिवगुरु के संस्थापक हरिद्रानंद की अंतिम यात्रा, अश्रुपूरित नेत्रों से भक्तों ने दी विदाई
शिवगुरु के संस्थापक हरिद्रानंद की अंतिम यात्रा रांची के धुर्वा सेक्टर-2 स्थित उनके निवास स्थान से निकली. अंतिम यात्रा धुर्वा स्थित सीटीओ घाट पहुंचा. जितनी भीड़ घर में थी, उससे ज्यादा भीड़ सड़क पर थी. सड़क के दोनों ओर लोग लाइन लगाये खड़े थे.
Ranchi News: शिवगुरु के संस्थापक हरिद्रानंद की अंतिम यात्रा रांची के धुर्वा सेक्टर-2 स्थित उनके निवास स्थान से निकली. अंतिम यात्रा धुर्वा स्थित सीटीओ घाट पहुंचा. जितनी भीड़ घर में थी, उससे ज्यादा भीड़ सड़क पर थी. सड़क के दोनों ओर लोग लाइन लगाये खड़े थे. भक्तों की अश्रुधारा रुकने की नाम नहीं ले रही थी. भक्त जागो-जागो हे भोले बाबा कह रहे थे. वहीं उनके आवास पर रात भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा.
बस-ट्रक की छतों पर खड़े होकर भक्तों ने किए अंतिम दर्शन
खुली जीप में उनका बड़ा चित्र लगा था. अर्थी को कंधा देकर जगन्नाथपुर थाना तक ले जाया गया. उसके बाद शववाहन से उनके पार्थिव देह को शवयात्रा तक ले जाया गया. बस-ट्रक की छतों पर खड़े होकर लोग अंतिम यात्रा देख रहे थे. दो बेटों समेत अन्य लोगों ने कंधा दिया. पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने दूसरे राज्यों से भी भक्त आये थे. झारखंड के अलावा पड़ोसी राज्यों बिहार, बंगाल, ओड़िशा से भी शिव भक्त पहुंचे थे. दिन के 11:30 बजे अंतिम दर्शन स्थल से पार्थिव देह को घर ले जाया गया, जहां जरूरी रस्मअदायगी हुई. मौके पर हरिंद्रानंद के भाई हरानंद जी भी मौजूद थे.
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दूसरे धर्मावलंबियों ने भी हरिंद्रानंद जी को दी श्रद्धांजलि
अंतिम यात्रा के दौरान दूसरे धर्मावलंबियों ने भी हरिंद्रानंद जी को श्रद्धांजलि दी. आनंदमार्गी संघ के आचार्य सत्याश्रेय आनंद अवधूत, आचार्य अमलेशानंद अवधूत भी अंतिम दर्शन के लिए आये थे. अलग-अलग राजनीतिक दल के लोगों ने भी हरिंद्रानंद जी के अंतिम दर्शन किये. भीड़ इतनी हो गयी कि अर्चित आनंद और उनकी बेटी खुली जीप में खड़े होकर लोगों से अपील कर संयम बरतने की अपील कर रहे थे. साहेब की इच्छा थी कि उनके शिष्य फलें-फूलें. पुलिस की परेशानी न बढ़ायें.
Report: Rajkumar