दुकान में हेलमेट पहन कर घुसे थे अपराधी, दुकान संचालक को बंधक बना की लूटपाट
दुकान संचालक को लॉकर तो कर्मचारी को बाथरूम में कर दिया बंद
रांची़ बिरसा चौक के समीप खूंटी रोड स्थित डीपी ज्वेलर्स दुकान के अंदर घुसे अपराधी हथियार से लैस थे़ इन लोगों ने हेलमेट पहन रखा था़ दुकान के अंदर घुसते ही चार अपराधियों ने लूटपाट शुरू कर दी. इस दौरान शोर मचाने का प्रयास करने और विरोध करने पर दो गोली चलायी़ इसमें एक गोली संचालक राम नाथ वर्मा व उनके पुत्र ओम वर्मा को लगी. इसके बाद अपराधियों ने दुकान के संचालक व कर्मचारियों को बंधक बना लिया़ फिर चारों अपराधियों ने दुकान के सारे गहने को समेटा और अपने साथ लाये चार पिट्ठू बैग में गहने व रुपये रख कर आराम से बाहर निकल गये. अपराधी शाम चार बजे दुकान में घुसे थे़ लगभग आधा घंटा तक इन्होंने दुकान में लूटपाट की़ दुकान से बाहर निकलने पर कुछ दूरी पर इनके दो साथी दो बाइक लेकर खड़े थे, जिसमें सवार होकर सभी अपराधी एयरपोर्ट रोड होते हुए हेथू गांव होकर फरार हो गये. प्रत्यक्षदर्शी भाजपा नेता दिलीप कुमार की जुबानी, लूट की घटना : प्रत्यक्षदर्शी भाजपा नेता दिलीप कुमार ने बताया कि दुकान संचालक ओम वर्मा उनके मित्र हैं. उन्हें लगा कि उनके साथ कोई मारपीट कर रहा है तो बीच-बचाव करने उनकी दुकान में पहुंच गये. देखा कि हेलमेट पहने और मुंह में गमछा बांधे चार अपराधी दुकान के अंदर है. दुकान में घुसते ही दिलीप कुमार को अपराधियों ने दुकान के अंदर खींच लिया और पिस्टल कनपटी पर सटा कर बैठा दिया. फिर अपराधी दुकान संचालक को लॉकर रूम में ले गये और लॉकर से सामान निकालने के लिए लाॅकर खोलने को कहा. जब संचालक ने इसका विरोध किया, तो उन पर गोली चला दी. वह गोली ओम वर्मा के हाथ में और उसके पिता रामनाथ वर्मा के पेट में छिटक कर लगी, जबकि गोली का छर्रा दिलीप की पीठ में भी लगा. लूटपाट के दौरान अपराधियों ने दो कर्मचारियों के साथ दिलीप को भी बाथरूम में बंद कर दिया. वहीं दुकान संचालक ओम वर्मा और उसके पिता रामनाथ वर्मा को लॉकर में बंद कर दिया़. जब अपराधी दुकान से लूटपाट कर चले गये, तो दिलीप समेत बाथरूम में बंद कर्मचारी दरवाजा तोड़ कर बाहर निकले और लॉकर का दरवाजा खोल कर ओम वर्मा व उनके पिता को भी बाहर निकला. लूटपाट की घटना पुलिस की विफलता : लूटपाट की घटना की सूचना मिलने पर विधायक नवीन जायसवाल भी घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि राजधानी में अपराधी बेलगाम हो गयी है. बिरसा चौक जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाके में अपराधियों द्वारा घटना को अंजाम देना पुलिस की विफलता है.
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