रांची. वट सावित्री व्रत गुरुवार छह जून को है. इसे लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है. गुरुवार को शाम 5.34 बजे तक अमावस्या तिथि मिल रही है. इस कारण व्रतियों को पूजा-अर्चना करने के लिए काफी समय मिलेगा. इसी दिन स्नान दान की अमावस्या है. कई जगहों पर महिलाओं ने वट सावित्री पूजा को लेकर बुधवार को उपवास किया और पूजा-अर्चना की. गुरुवार को वट सावित्री की पूजा-अर्चना कर कथा सुनेंगी और इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर पारण करेंगी. उधर बंगाल के लोगों ने बुधवार को फलहारिणी काली पूजा कर सबकी मंगलकामना के लिए प्रार्थना की. इस दिन मास शिवरात्रि व्रत भी होने के कारण से लोगों ने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की. गुरुवार को सुबह से ही वट वृक्ष के नीचे महिलाएं पूजा अर्चना करेंगी. पहाड़ी मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना की जायेगी. इसके बाद महिलाएं वट सावित्री की कथा सुनेंगी और भगवान की आरती कर उनका आशीर्वाद लेंगी. उधर नवविवाहित के घरों में बुधवार से ही विशेष तैयारी की गयी.घरों में पूजा-अर्चना से संबंधित गीत आदि गाये गये. बाजार में पूजन सामग्री से लेकर बांस के पंखे तक की खूब बिक्री हुई. इसके अलावा डलिया और फल-फूल आदि की बिक्री हुई. बाजार में आम 50 से लेकर 150 रुपये किलो, लीची 80 से 120 रुपये किलो,केला 50 से 80 रुपये दर्जन और सेब 150 से 250 रुपये किलो की दर से बिक रहे थे. इसके अलावा खीरा लोकल 35 से 50 रुपये किलो की दर से बिक रहा था. वहीं व्रत को लेकर दूध और मिठाई आदि की भी बिक्री हुई.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है