फर्जी दुकान से खरीदारी, सप्लायर को दे दी मजदूरी, जानिये कैसे हुआ मनरेगा में गड़बड़झाला

मनरेगा में रोजगार का अवसर पैदा करने के मामले में पहले नंबर पर रहे लातेहार में भी घोटाला हुआ है. इस जिले में फर्जी दुकान से सामान की खरीद दिखा कर मनरेगा की योजनाओं को पूरा करने और सप्लायर के खाते में ही मजदूरी भुगतान करने का पता चला है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 11, 2020 12:10 PM

मनरेगा में रोजगार का अवसर पैदा करने के मामले में पहले नंबर पर रहे लातेहार में भी घोटाला हुआ है. इस जिले में फर्जी दुकान से सामान की खरीद दिखा कर मनरेगा की योजनाओं को पूरा करने और सप्लायर के खाते में ही मजदूरी भुगतान करने का पता चला है. सिर्फ इतना ही नहीं, गारू प्रखंड में मनरेगा कर्मियों के मानदेय की अग्रिम निकासी कर रख लेने की भी जानकारी मिली है. मनरेगा में गड़बड़ी की सूचना मिलने के बाद उपायुक्त अबु इमरान ने इसकी जांच करायी. मनरेगा से जुड़ी योजनाओं की जांच के दौरान कई चौंकानेवाले तथ्य उजागर हुए.

कर्मचारी ड्यूटी से गायब : गारू प्रखंड के प्रधान सहायक दो महीने से ड्यूटी से गायब मिले. इसके अलावा अौर 13 कर्मचारी एक दिन व अधिकतम सात दिनों से अपनी ड्यूटी से गायब मिले. इनमें सात रोजगार सेवक, दो कंप्यूटर ऑपरेटर, तीन पंचायत सेवक और एक जनसेवक के नाम शामिल हैं.

जांच दल द्वारा मनरेगा कर्मियों के मानदेय के सिलसिले में पूछताछ के दौरान प्रखंड के नाजिर ने तो चौंकानेवाली जानकारी दी. नाजिर रौशन कुमार उपाध्याय ने एक साल से उनके डोंगल से किसी तरह का एफटीओ (फंड ट्रांसफर ऑर्डर) नहीं होने की बात कही.

मानदेय की राशि की नियम विरुद्ध अग्रिम निकासी : नाजिर ने जांच दल को बताया कि प्रखंड में पहले से उपलब्ध राशि से मनरेगा कर्मियों के मानदेय का भुगतान किया गया है. यानी मनरेगा कर्मियों के मानदेय की राशि की अग्रिम निकासी कर रख ली गयी थी, जो नियम विरुद्ध है. प्रखंड के मायापुर,चोरहा,बारेसाढ़ा सहित अन्य पंचायतों में योजनाओं की जांच के दौरान मजदूरी का भुगतान सप्लायरों के खाते में ही करने का मामला पकड़ में आया. मनरेगा से जुड़े कर्मचारियों ने अपनी सफाई दी और कहा कि सप्लायर ने ही मजदूरी का भुगतान कर दिया है.

सप्लायर की दुकान नहीं मिली : नियमानुसार मजदूरी का भुगतान मजदूर के खाते में ही करना है. जिन सप्लायरों से योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सामग्रियों की खरीद की गयी थी, इनमें एक सप्लायर की दुकान ही जांच दल को नहीं मिली. योजनाओं के लिए किये गये भुगतान की जांच के दौरान एक ही बिल के सहारे कई योजनाओं के नाम पर पैसों की निकासी का मामला पकड़ा गया. जांच के दौरान सुराजी देवी का बकरी शेड, भुनेश्वर उरांव का टैंक, कैलाश सिंह का बकरी शेड व नजबून बीबी के बकरी शेड के नाम पर की गयी निकासी का बिल नंबर एक ही पाया गया.

  • सप्लायर के खाते में मजदूरी ट्रांसफर करने का ब्योरा (राशि रुपये में)

  • पंचायत योजना मजदूरी सप्लायर

  • बारेसांढ़ सीता देवी का बकरी शेड 7,143.20 मंजर कासमी आलम

  • बारेसांढ़ लखपतिया देवी का सिंचाई कूप 10,215.00 मंजर कासमी आलम

  • मायापुर बितराम सिंह का सिंचाई कूप 14,626 मंजर कासमी आलम

  • चोरहा समींद्र भुंइया का सिंचाई कूप 19,744 भगवती इंटरप्राइजेज

  • रूद धूम लोहरा का कूप निर्माण 14,616.00 भगवती इंटरप्राइजेज

  • धांगरटोला सूर्यदेव सिंह का सिंचाई कूप 14,616 भगवती इंटरप्राइजेज

  • घांसीटोला सुरेश सिंह का सिंचाई कूप 10,208.00 सूरज इंटरप्राइजेज

  • घांसीटोला कलमनिया देवी का कूप निर्माण 10,208.00 भगवती इंटरप्राइजेज

Also Read: pm kisan samman nidhi yojana: आने वाली है 7वीं किस्त, ऐसे चेक करें अपना नाम, यहां करें शिकायत

लातेहार जिले में मनरेगा योजनाओं में गड़बड़ी

  • गारू प्रखंड में मनरेगा कर्मियों के मानदेय की अग्रिम निकासी कर रख ली गयी

  • नाजिर ने एक साल से डोंगल से किसी तरह का एफटीओ नहीं होने की बात कही

  • एक ही बिल के सहारे कई योजनाओं के नाम पर पैसों की निकासी कर डाली

Also Read: नशे में धुत बारातियों ने की फायरिंग, ठेकेदार की मौत, पुलिस कर रही है जांच

Posted by : Pritish Sahay

Next Article

Exit mobile version