झारखंड में पिछले कई दिनों से मांग के अनुरूप बिजली नहीं मिल पा रही है. प्रतिदिन लगभग 300 मेगावाट बिजली की कमी होती है. इस वजह से सुबह और शाम में राज्य के कई हिस्सों में लोड शेडिंग कर आपूर्ति करनी पड़ती है. ग्रामीण इलाकों में इसका खासा असर देखा जा रहा है. वहां औसतन 10 से 12 घंटे ही बिजली मिल पा रही है. जबकि, शहरी क्षेत्र में 18 से 20 घंटे बिजली मिल रही है. यह पीक आवर में ज्यादा होता है.
गौरतलब है कि झारखंड को इस समय 1400-1500 मेगावाट बिजली मिल रही है, जबकि जरूरत 1700 से 1800 मेगावाट की है. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने केंद्र सरकार के पावर एक्सचेंज से 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की मांग की है. इसके लिए लगातार पत्राचार किया जा रहा है. पर पावर एक्सचेंज से बिजली नहीं मिल पा रही है. बिजली न मिलने की वजह से सुबह व शाम के समय रांची, जमशेदपुर, गढ़वा, पलामू, चाईबासा आदि जगहों पर प्रतिदिन शेडिंग हो रही है.
गर्मी में बढ़ सकती है बिजली की मांग
जेबीवीएनएल के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र से 300 मेगावाट बिजली की मांग की गयी है. गर्मी के मौसम में बिजली की मांग भी बढ़ेगी. इसे देखते हुए अभी से ही तैयारी की जा रही है. केंद्र से भी इसी वजह से अतिरिक्त बिजली मांगी गयी है. मार्च-अप्रैल में एनटीपीसी के नॉर्थ कर्णपुरा के प्लांट की दूसरी यूनिट भी चालू होनेवाली है. इससे झारखंड को अतिरिक्त 180 मेगावाट बिजली मिलेगी.