Loading election data...

BS कॉलेज लोहरदगा में शिक्षकों की कमी, 10 हजार स्टूडेंट्स की पढ़ाई कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स के भरोसे

बीएस कॉलेज, लोहरदगा में क्लास रूम की कमी है, जिस कारण विद्यार्थियों को क्लास करने में परेशानी होती है. यहां बड़े क्लास रूम की संख्या केवल 12 है, जबकि छोटे क्लास रूम की संख्या मात्र छह है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2023 2:05 PM

Ranchi News: रांची विवि के अंगीभूत कॉलेजों में से एक है बलदेव साहू कॉलेज, लोहरदगा. इसमें 10 हजार से भी अधिक विद्यार्थी हैं, लेकिन उन्हें मिलनेवाली मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. यहां शिक्षकों की भी कमी है. कॉलेज में स्थायी शिक्षक केवल 16 हैं और अनुबंध पर पढ़ानेवाले शिक्षकों की संख्या भी 19 है. इसके अलावा छात्राओं के लिए ये कॉलेज असुरक्षित है, क्योंकि कॉलेज कैंपस बिना चहारदीवारी के है. जिसका असामाजिक तत्व फायदा उठाते हैं.

10 हजार विद्यार्थियों के लिए मात्र 18 क्लास रूम

बीएस कॉलेज, लोहरदगा में क्लास रूम की कमी है, जिस कारण विद्यार्थियों को क्लास करने में परेशानी होती है. यहां बड़े क्लास रूम की संख्या केवल 12 है, जबकि छोटे क्लास रूम की संख्या मात्र छह है. इसी में साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स की कक्षाओं का संचालन होता है. साइंस विषयों के प्रैक्टिकल के लिए अलग से क्लासरूम है.

इन विषयों की होती है पढ़ाई

कस्नातक स्तर पर हिंदी, इतिहास, राजनीति शास्त्र, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, नागपुरी, कुडुख, उर्दू, कॉमर्स, फिजिक्स, केमेस्ट्री, बॉटनी, जूलॉजी और मैथ्स की पढ़ाई होती है.

फिजिक्स और बॉटनी में एक भी शिक्षक नहीं

कॉलेज में सभी विषयों के एक से दो शिक्षक हैं, लेकिन दूसरी ओर विज्ञान के दो महत्वपूर्ण विषय फिजिक्स और बॉटनी में में एक भी शिक्षक नहीं हैं.

Also Read: Jharkhand Bandh: नक्सली कृष्णा हांसदा की गिरफ्तारी के विरोध में भाकपा माओवादी का 22 को झारखंड बंद का ऐलान

शिक्षकों की है कमी

कॉलेज की सबसे बड़ी समस्या यहां शिक्षकों की कमी है. यहां फिजिक्स और बॉटनी में एक भी शिक्षक नहीं है. वहीं अंग्रेजी के एकमात्र शिक्षक भी इस महीने सेवानिवृत्त हो जायेंगे. जबकि कॉमर्स में एक फैकल्टी है और उसमें भी अनुबंध पर एक शिक्षिका हैं. अब ऐसे में पढ़ाई पर असर तो पड़ेगा ही. इसे दूर करने की जरूरत है.

-डॉ शिव कुमार प्रसाद गुप्ता, प्राचार्य

Next Article

Exit mobile version