रांची : कोरोना के खतरे की वजह से इस वर्ष देवघर और बासुकिनाथ में राज्य सरकार द्वारा श्रावणी मेला का आयोजन नहीं किया जायेगा. सरकार की उच्चस्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा जारी अंतिम आदेश के मुताबिक 31 जुलाई तक राज्य में किसी भी धार्मिक स्थल पर सार्वजनिक पूजा या मेला के आयोजन की अनुमति नहीं है. पांच जुलाई से सावन शुरू हो रहा है. लोगों की श्रद्धा के मद्देनजर सावन में बाबा (भोलेनाथ) का दर्शन कराने के लिए पर्यटन विभाग ने ई-पूजा आयोजित करने का प्रस्ताव तैयार किया था.
हालांकि, उस पर भी अब तक फैसला नहीं लिया गया है. स्वीकृति नहीं प्राप्त होने की वजह से पर्यटन विभाग ने ई-पूजा की तैयारी भी पूरी नहीं की है. ऐसे में सावन के पहले दिन से श्रद्धालुओं को देवघर और बासुकीनाथ में बाबा के दर्शन होने की उम्मीद कम नजर आ रही है. पर्यटन विभाग ने ई-पूजा के लिए अलग पोर्टल तैयार करने का प्रस्ताव भेजा है.
प्रस्ताव में देवघर और बासुकीनाथ से लाइव टेलीकास्ट के जरिये बाबा का दर्शन कराने की बात कही गयी है. साथ ही डाक या कुरियर के माध्यम से उचित कीमत पर श्रद्धालुओं तक प्रसाद पहुंचाने की व्यवस्था भी व्यवस्था करनी है. इसके अलावा पोर्टल के माध्यम से ही बाबा मंदिर तक दान की राशि पहुंचाने का इंतजाम भी किया जाना है. उक्त व्यवस्था प्रस्ताव पर सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही की जानी है.
हाइकोर्ट में श्रावणी मेला पर सुनवाई आज : श्रावणी मेला के आयोजन को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में मंगलवार को सुनवाई होनी है. न्यायालय में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कोविड-19 के संक्रमण की आशंका के कारण प्रोटोकॉल का पालन करते हुए श्रावणी मेला का आयोजन किया जाना चाहिए. प्रार्थी का कहना है कि श्रावणी मेला से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.
इसलिए नियमों के अनुसार, श्रावणी मेले के आयोजन को अनुमति दी जाये. मामले में न्यायालय ने मंदिर प्रबंध समिति की अध्यक्ष सह देवघर की उपायुक्त को नोटिस जारी कर इस बारे में राज्य सरकार से निर्देश प्राप्त कर कोर्ट को अवगत कराने का निर्देश दिया है.
Post by : Pritish Sahay