श्रीकृष्ण कथा के दौरान वहां के युवाओं को संगठित रहने का संकल्प दिलाया गया. कथा का प्रारंभ बस्ती के सभी श्रद्धालुओं के मस्तक पर चंदन का टीका लगाकर तथा सभी बहनों को मां दुर्गा का लॉकेट तथा बच्चों को हनुमान जी का लॉकेट पहनाकर किया गया. दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन श्रीकृष्ण तथा भारत माता की आरती एवं भंडारे से हुआ.
एकल फ्यूचर रांची महानगर के अध्यक्ष प्रशांत सिंह ने कहा कि श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में तीन विशेष कार्य किए-पहला संगठन, दूसरा संबंधों का निर्वहन और तीसरा गौ माता की सेवा.
अभी के युग में सनातन धर्म को सुरक्षित रखने के लिए तीनों आवश्यक हैं. एकल अभियान के अंतर्गत चल रहे गौ ग्राम योजना तथा अन्य योजनाओं के बारे लोगों को अवगत करवाया. कार्यक्रम का विशेष आकर्षण बस्ती के बच्चे थे, जिन्होंने श्रीकृष्ण तथा राधा रानी का बाल रूप धारण किया हुआ था.
श्री कृष्ण कथा का आयोजन श्री हरि सत्संग समिति रांची महानगर के अध्यक्ष सतीश तुलस्यान एवं सचिव बबिता जालान की अध्यक्षता में हुआ एवं द्वितीय दिवस के मुख्य अतिथि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रांची के कंट्रोलर ऑफ एग्ज़ामिनेशन डॉ सुबीर कुमार एवं विशिष्ट अतिथि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के चीफ वॉर्डन डॉ गुंजन थे.
दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन श्रीकृष्ण तथा भारत माता की आरती एवं भंडारे से हुआ. कार्यक्रम में एकल फ्यूचर के अध्यक्ष प्रशांत सिंह के साथ उपाध्यक्ष संतोष सोनी, राघवेंद्र, शशि एवं नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्र निखिल, देवम, अमन आयुष, अनुजया, अदिति इत्यादि और शबरी बस्ती के महाकाल नामक युवाओं की टोली के सदस्यों की कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका रही.