पांच झंडे से शुरू हुआ था श्री रामनवमी पूजा समिति त्रिकोण हवन कुंड का जुलूस

रांची में वर्ष 1935 से श्री रामनवमी पूजा समिति त्रिकोण हवन कुंड का जुलूस निकल रहा है. कचहरी रोड में रांची विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार के समीप स्थित इस अखाड़े से पहले छोटी-मोटी जीवंत झांकियां भी निकाली जाती थीं. इस अखाड़े की पहचान यहां की ताशा पार्टी से हुआ करती थी.

By Prabhat Khabar News Desk | March 20, 2023 8:43 AM
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लाइफ रिपोर्टर, रांची. रांची में वर्ष 1935 से श्री रामनवमी पूजा समिति त्रिकोण हवन कुंड का जुलूस निकल रहा है. कचहरी रोड में रांची विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार के समीप स्थित इस अखाड़े से पहले छोटी-मोटी जीवंत झांकियां भी निकाली जाती थीं. इस अखाड़े की पहचान यहां की ताशा पार्टी से हुआ करती थी. उस वक्त चार से पांच झंडे के साथ जुलूस निकलता था, जो वर्तमान में बढ़कर 31 के करीब हो गया है.

प्रतिदिन नियमित रूप से शाम में डंका बजना शुरू हो जाता था

इस विषय पर बात करते हुए 56 वर्षीय जीतेंद्र साव ने बताया कि पहले इस अखाड़े में चैत्र माह शुरू होते ही प्रतिदिन नियमित रूप से शाम में डंका बजना शुरू हो जाता था. इस डंके की आवाज से ही लोग समझ जाते थे कि रामनवमी का त्योहार आ गया है. मोहल्ले के लोग ही डंका बजाते थे. उन्होंने कहा कि उस वक्त मुरारी लाल शर्मा कैसियो बजाते थे. कैसियो की धुन सुनने के लिए लोग एकत्रित होते थे.

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समिति की ओर से समय-समय पर खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन

महेंद्र वर्मा, गोवर्धन वर्मा, श्याम लाल, ओम साव, छट्टू साव, प्रकाश राम, बरन ठाकुर, राम जरू राम, बंटी झा, बाबू लाल पटेल आदि ताशा पार्टी में थे. इनमें से अधिकतर उस्ताद का निधन हो गया. समिति की ओर से समय-समय पर खेलकूद प्रतियोगिता का भी आयोजन कराया जाता था, ताकि रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान बेहतर खेलकूद का प्रदर्शन किया जा सके. समिति की ओर से इस बार भी बड़े पैमाने पर जुलूस निकालने की तैयारी की जा रही है. इस बार कोलकाता की ताशा पार्टी आकर्षण का केंद्र होगी.

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