श्रीमद् भावगत महापुराण की कथा 16 मई तक चलेगी
हरदाग स्थित मोमेंट रिसोर्ट में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है. दूसरे दिन ज्ञान भक्ति वैराग्य की कथा सुनायी गयी.
रांची. हरदाग स्थित मोमेंट रिसोर्ट में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है. दूसरे दिन ज्ञान भक्ति वैराग्य की कथा सुनायी गयी. बनारस से आये प्रवचनकर्ता डॉ मनोहर मिश्र जी महाराज ने कहा कि ज्ञान और वैराग्य भक्ति महारानी के दो बेटे हैं. श्री धाम वृंदावन में ज्ञान और वैराग्य मूर्छित पड़े रहते हैं. इसलिए भक्ति महारानी रो पड़ती हैं. फिर जब भक्ति महारानी को देव ऋषि नारद जी के दर्शन होते हैं, तो भक्ति महारानी संत दर्शन के फल का विचार कर प्रसन्न हो जाती हैं. जीव चाहे कितने भी बड़े संकट में हो, लेकिन अगर उस समय भगवान के प्राण प्रिय संत के दर्शन हो जायें, तो उस मनुष्य को ऐसा समझना चाहिए कि अब उसके जीवन की सारी समस्याओं का अंत होनेवाला है. ऐसा संत दर्शन का लाभ हमें भी प्राप्त हो, इसके लिए भक्ति महारानी देव ऋषि नारद से प्रार्थना करती हैं, तो नारद जी सनक, सनंदन, सनातन और सनत्कुमार, चार ऋषि कुमारों के साथ हरिद्वार में गंगा तट पर श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन करते हैं. भक्ति महारानी प्रसन्न होकर अपने दोनों पुत्र, ज्ञान और वैराग्य के साथ भागवत जी के पावन मंत्रों का संकीर्तन करते हुए भागवत भगवान की कथा में प्रकट हो जाती हैं. कथा के मुख्य यजमान संजय कुमार सेनापति और पूर्णिमा सेनापति ने भागवत महापुराण व कथावाचक डॉ.मनोहर मिश्र महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया और भागवत पुराण की आरती उतारी. इस अवसर पर संगीत मंडली के राजकुमार, कन्हैया, मोहित मिश्र, अजय मिश्र, अरुण कुमार, चंदन कुमार, कन्हैया कुमार, नवलेश कुमार मिश्र व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे. श्रीमद् भावगत महापुराण की कथा 16 मई तक प्रतिदिन शाम छह से नौ बजे तक चलेगी और कथा की समाप्ति पर सभी श्रद्धालु भक्तों के लिए प्रतिदिन भंडारे की भी व्यवस्था की गयी है. कथा में सभी भक्तों को आमंत्रित किया गया है.
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