डकरा. चूरी परियोजना में जेनरल मजदूर कैटेगरी-वन के पद पर कार्यरत खेतनुआ मुंडा के निधन के बाद उसके परिजन को नौकरी देने की मांग को लेकर श्रमिक संगठन के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को प्रदर्शन करते हुए परियोजना का काम करीब आठ घंटे तक ठप करा दिया. काम ठप होने की सूचना के बाद संगठन और प्रबंधन के बीच वार्ता हुई. वार्ता में 15 दिन में नौकरी की प्रक्रिया पूरा करने का लिखित आश्वासन दिया गया, जिसके बाद परियोजना का काम शुरू हो सका. मृतक के पुत्र रंजीत मुंडा ने बताया कि उनके पिता पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. शुक्रवार की सुबह वह उन्हें लेकर ड्यूटी के लिए जा रहा था. इसी दौरान रास्ते में तबीयत अचानक बिगड़ गयी और पिता की मौत हो गयी. इसकी सूचना परियोजना परिसर में उन्होंने लोगों को दी. मौत की सूचना मिलते ही क्षेत्र के सभी श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि भी वहां पहुंचे और प्रोविजनल इंप्लाइमेंट देने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया. इस कारण परियोजना का सभी काम बंद हो गया. बाद में खान प्रबंधक शैलेश कुमार एरिया और मुख्यालय के अधिकारियों से बात कर बताया कि 9:3:0 के तहत मृतक के आश्रित की ओर से सभी जरूरी कागजात दिये जाने के 15 दिन के भीतर नियोजन दिया जायेगा. इस पर सभी की सहमति रही. इसके बाद काम शुरू हो पाया. वार्ता में गोल्टेन प्रसाद यादव, अमर भूषण सिंह, सुनील कुमार सिंह, सोनू पांडेय, धीरज सिंह, गोविंद महतो, रामाशीष चौहान सहित खलारी पुलिस व परियोजना के कामगार मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है