हेमंत सोरेन सरकार के तीन साल (3 Years of Hemant Soren Government) पूरे होने वाले हैं. सरकार की ओर से इस अवसर पर कई कार्यक्रमों का ओयजन किया जायेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी उपलब्धियां गिनायेंगे. लेकिन, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हेमंत सोरेन सरकार की पोल खोलने के लिए तैयार है. उसने पोल खोल अभियान (Poll Khol Abhiyan) की शुरुआत करने का निश्चय किया है.
झारखंड प्रदेश भाजपा (Jharkhand BJP) के अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश (Deepak Prakash) ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है’ के आह्वान के साथ भाजपा हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ पोल खोल अभियान शुरू करेगी. इस दौरान राज्य सरकार की नाकामियों का भंडाफोड़ किया जायेगा. जनता को उसके बारे में बताया जायेगा.
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उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम तय किये जायेंगे. पूरे प्रदेश में एक महासंग्राम होगा. यह महासंग्राम जनसवालों को लेकर, महिलाओं के साथ हो रहे अनाचार को लेकर, नौजवानों को लेकर, आदिवासियों एवं दलितों पर होने वाले अत्याचार के सवाल पर होगा. इतना ही नहीं, सर्वसमाज पीड़ितों को अपने साथ लेकर ‘हेमंत हटाओ झारखंड बचाओ’ का नारा देते हुए ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है’ का पार्टी आह्वान करेगी.
दीपक प्रकाश ने जेएसएससी की नियुक्ति नियमावली पर झारखंड हाईकोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए इसे झारखंड की जनता की जीत करार दिया. कहा कि इस फैसले से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड में शासन कर रही झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल की महागठबंधन सरकार का चेहरा उजागर हो गया है. यह सरकार वर्ष 2020-21 में नियोजन नीति लायी. ग्रुप सी और ग्रुप डी की नौकरी में कुछ ऐसे प्रावधान किये गये, जो असंवैधानिक और गैरकानूनी था. इसलिए हाईकोर्ट ने यह निर्णय दिया है.
दीपक प्रकाश ने कहा कि इस नियोजन नीति के दो प्रावधानों पर झारखंड की जनता और भाजपा दोनों को आपत्ति थी. कहा कि हिंदी इस देश का मस्तक है. वर्ष 2011 को आधार माना जाये, तो झारखंड में हिंदी बोलने वाले 62 प्रतिशत लोग हैं. मात्र 7.34 फीसदी लोग उर्दू पढ़ते और लिखते हैं. हिंदी को शेड्यूल एरिया में रखा गया है. तुष्टिकरण के तहत हिंदी को परीक्षाओं से बाहर करके उर्दू को उसमें शामिल कर लिया गया. उन्होंने कहा कि उर्दू से किसी को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन नियोजन नीति के जरिये सरकार ने हिंदी को अपमानित किया. इसकी एकमात्र मंशा यह थी कि जो बच्चे हिंदी पढ़ते हैं, उन्हें नौकरी से वंचित रखा जाये.
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भाजपा सांसद ने कहा कि इतना ही नहीं, संपर्क भाषा अंग्रेजी को भी परीक्षा से बाहर कर दिया गया. भाजपा चाहती है कि मुंडारी, संथाली भाषाओं का सबसे अधिक प्रचार-प्रसार हो, लेकिन विश्वविद्यालयों में क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई नहीं हो रही है. क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई हो और रोजगार मिले, हम ऐसा चाहते हैं. सरकार ने तय किया था कि वैसे छात्रों को झारखंडी नहीं माना जायेगा, नियोजन में उन्हें लाभ नहीं मिलेगा, जिन्होंने झारखंड के बाहर से 11वीं और 12वीं की पढ़ाई की है. भाजपा ने इसी के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष कर रही थी.
श्री प्रकाश ने कहा कि 3 वर्षों का हेमंत सोरेन सरकार का कार्यक्रम विफलताओं से भरा है. यह युवाओं को ठगने वाली और उनका रोजगार छीनने वाली सरकार है. यह सरकार केवल झारखंड की जनता को दिग्भ्रमित करती है. उन्होंने हेमंत सोरेन की ‘खतियानी जोहार यात्रा’ पर भी निशाना साधा. कहा कि उसका भी हश्र कुछ ऐसा ही होगा, क्योंकि वर्ष 2000 में न्यायालय ने इस नीति को खारिज कर दिया था. कहा कि सरकार की यात्रा जहां जा रही है, वहां उनकी विदाई यात्रा हो रही है.
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भाजपा नेता ने कहा कि जनता अब हेमंत सोरेन सरकार को 5 लाख युवाओं को नौकरी, बेरोजगारी भत्ता सहित उनके अन्य घोषणाओं की याद दिला रही है. रघुवर सरकार में भी जो नौकरियां दी गयीं थीं, उसको भी छीनने का काम इस सरकार ने किया है. जेपीएससी को कलंकित करने और भाषाओं के नाम पर युवाओं को यह सरकार लड़वा रही है. आदिवासी और मूलवासियों के साथ पूरे प्रदेश को ठग रही है. प्रेस वार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह भी उपस्थित थे.