झारखंड से सिर्फ आठ लड़कियों का सिंगल गर्ल चाइल्ड फेलोशिप में हुआ चयन, इतने सालों तक मिलेगी राशि

Single Girl Child Fellowship 2022-2023: झारखंड से सिर्फ आठ लड़कियों का सिंगल गर्ल चाइल्ड फेलोशिप में चयन हुआ है. अब पांच सालों तक ये फेलोशिप दी जाएगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 10, 2023 11:47 AM
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Single Girl Child Fellowship 2022-2023: सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले सिंगल गर्ल चाइल्ड फेलोशिप -2022-23 के लिए झारखंड से आठ लड़कियों का चयन किया गया है. यूजीसी द्वारा जारी सूची के मुताबिक, इनमें आर्य राज, अंशुका सत्पथी, अर्पणा गांगुली, कुमारी प्रियंका, नेहा चक्रवर्ती, प्रांजल शाह, शिप्रा हर्षव उषाही आइन शामिल हैं. देश भर से कुल 1129 लड़कियों का चयन किया गया है.

सिंगल गर्ल चाइल्ड फेलोशिप क्या है

इस योजना के तहत जो लड़कियां घर में एकल हैं, उनकी शिक्षा को बढ़ावा देना और रिसर्च कार्य के लिए प्रोत्साहित करना है.एकल का तात्पर्य परिवार की वैसी लड़की, जिसका कोई भाई या बहन नहीं है. जुड़वां बेटी/भाई बहनों में से एक है. यदि किसी परिवार में एक या एक से अधिक पुत्र और एक पुत्री है, तो वह पात्र नहीं होगी.

पांच वर्ष के लिए दी जायेगी फेलोशिप

फेलोशिप पांच वर्ष के लिए दी जायेगी. जूनियर रिसर्च फेलोशिप के तहत 31 हजार रुपये प्रतिमाह दिये जायेंगे. सीनियर रिसर्च फेलो को 35 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे. इसी प्रकार दिव्यांग को 35 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे. लाभार्थियों को छात्रावास की सुविधा भी मिलेगी. इस योजना के तहत मानविकी और सामाजिक विज्ञान की छात्राओं को अन्य खर्च के लिए हर साल 10-10 हजार रुपये दो वर्ष के लिए तथा 25 हजार रुपये शेष कार्यकाल के लिए दिये जायेंगे. वहीं, विज्ञान/इंजीनियरिंग/टेक्नोलॉजी की छात्राओं को हर साल 12-12 हजार रुपये दो वर्ष के लिए दिये जायेंगे. वहीं, 25 हजार रुपये शेष कार्यकाल के लिए दिये जायेंगे. दिव्यांग छात्रा को पाठक सहायता के लिए प्रति माह तीन हजार रुपये दिये जायेंगे.

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इक्फाइ विवि को मिला पुरस्कार

इक्फाइ विवि, झारखंड को सामाजिक आउटरीच ग्रामीण विकास के लिए सीएसआर में सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया. यह पुरस्कार इंडियन सीएसआर कॉन्क्लेव एंड अवार्ड2022 में दिया गया. महाबोधि कंसल्टिंग ग्रुप ने यह अवार्ड दिया. डॉ मनीष मिश्रा, आइएसटीडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीता चौहान और सीइओ डॉ ओपी गोयल ने पुरस्कृत किया. वीसी प्रो ओआरएस राव ने कहा कि इस पुरस्कार का श्रेय विवि के कर्मियों व छात्रों को जाता है.

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