सिस्टर डॉ मेरी ग्रेस के धर्मसंघीय जीवन के 50 वर्ष पूरे
रांची. उर्सुलाइन इंटर कॉलेज की प्राचार्या सिस्टर डॉ मेरी ग्रेस के धर्मसंघीय जीवन की गोल्डन जुबली (50 वर्ष ) पूरे होने पर विशेष मिस्सा समारोह का आयोजन हुआ. मुख्य अतिथि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि इस पल का गवाह बनना मेरे लिए खास है. सिस्टर डॉ मेरी ग्रेस एक ऐसी किताब की तरह हैं, जो सच्चाई, प्रेम और आशीष से भरी हुई है. सिस्टर से हम सभी को बहुत कुछ सीखने को मिला है.सच्चा सोना की तरह है सिस्टर
फादर फ्लोरेंस कुजूर ने कहा कि हम आज सिस्टर मेरी ग्रेस के धर्मसंघीय जीवन की गोल्डेन जुबली मना रहे हैं. मानव जीवन की विशिष्ट उपलब्धियों को हम धातुओं से क्यों जोड़ते हैं? सोना के समक्ष किसी वस्तु को रखने पर वह सोने सा दिखता है. सिस्टर डॉ मेरी ग्रेस भी सोना हैं. उनके सानिध्य में आनेवाली शिक्षिकाएं, छात्राएं भी सोना सा हो गयी हैं. ऐसे में हमारा फर्ज बनता है कि स्वर्ण जयंती वर्ष मनायें. उन्होंने कहा कि हर पल ईश्वर ने उन्हें वरदानों से भरा है. सिस्टर का जीवन का एक ही लक्ष्य था छात्राओं के जीवन को बनाना. उनसे शिक्षिकाएं और छात्राएं जुड़ती गयीं और कारवां बनता गया है. सिस्टर मेरी ग्रेस ने छात्राओं के जीवन में जो बदलाव लाया है आज वह आशीष के रूप में उनके जीवन में वापस आ रहा है.जीवन में आये उतार-चढ़ाव में आपका गहरा साथ रहा
इस अवसर पर सिस्टर डॉ मेरी ग्रेस ने कहा कि मेरे जीवन में आये उतार-चढ़ाव में आपका गहरा साथ रहा. मैं सभी को इस जीवन उपहार के लिए धन्यवाद करती हूं. कार्यक्रम में सिस्टर डॉ मेरी ग्रेस की जीवनी को पढ़ा गया. छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये. इस अवसर पर फादर सुधीर मिंज, फादर अजय खलखो, फादर जेम्स टोप्पो आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है