विवादों में छठी जेपीएससी का फाइनल रिज़ल्ट, पास मार्क्स वाला हिंदी-अंग्रेजी भी मेरिट लिस्ट में जोड़ने का आरोप

जेपीएससी द्वारा आयोजित छठी सिविल सेवा नियुक्ति परीक्षा आरंभ से ही विवादों में रही. अब 21 अप्रैल के फाइनल रिजल्ट के बाद 29 अप्रैल को प्राप्तांक जारी करने के साथ ही अायोग फिर से विवादों के घेरे में है. छठी जेपीएससी परीक्षा को लेकर शुरू से आंदोलनरत अभ्यर्थियों ने एक बार फिर आयोग पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है

By Pritish Sahay | April 29, 2020 11:49 PM

रांची : जेपीएससी द्वारा आयोजित छठी सिविल सेवा नियुक्ति परीक्षा आरंभ से ही विवादों में रही. अब 21 अप्रैल के फाइनल रिजल्ट के बाद 29 अप्रैल को प्राप्तांक जारी करने के साथ ही अायोग फिर से विवादों के घेरे में है. छठी जेपीएससी परीक्षा को लेकर शुरू से आंदोलनरत अभ्यर्थियों ने एक बार फिर आयोग पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है. एक अभ्यर्थी अजय कुमार चौधरी के अनुसार यह प्राप्तांक आयोग की नियमावली के विरुद्ध जारी किया गया है. इधर आयोग के अधिकारियों का दावा है कि रिजल्ट जारी करने में पूरी सावधानी बरती गयी है.

इधर श्री चौधरी का कहना है कि कुल 100 अंकों वाली हिंदी व अंग्रेजी की परीक्षा में पास मार्क्स लाना अनिवार्य था. इसका प्राप्तांक मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़ा जाता है. पर जेपीएससी ने इसका प्राप्तांक भी फाइनल मेरिट लिस्ट में जोड़ दिया है. जेपीएससी की पहला से लेकर पांचवीं परीक्षा तक में ऐसा नहीं किया गया था. चौधरी ने कहा है कि यूपीएससी, बीपीएससी व अन्य राज्य सेवा आयोग भी अनिवार्य विषय के प्राप्तांक को फाइनल मेरिट लिस्ट में नही जोड़ता है. इसी प्रकार बीसी- 2 श्रेणी में अंतिम रूप से चयनित पुलिस सेवा के लिए क्रमांक 68015920 है.

नियुक्ति नियमावली और आरक्षण नियमावली के अनुसार इनका अंतिम रूप से चयन अनारक्षित (यूएनआर) श्रेणी में प्रशासनिक सेवा के लिए होना चाहिए था, साथ ही बीसी- 2 श्रेणी में किन्हीं और का पुलिस सेवा के लिए चयन होता . छठी सिविल सेवा विज्ञापन की कंडिका-5 में साफ लिखा है कि झारखंड राज्य सरकार के वैसे कर्मी जिन्होंने तीन वर्ष की लगातर सेवा पूरी कर ली हो, उनको अपनी श्रेणी के लिए निर्धारित अधिकतम उम्र सीमा में पांच वर्षों की छूट दी जायेगी. सिविल सेवा में अधिकतम उम्र सीमा अनारक्षित वर्ग के लिए 35 वर्ष रखा गया था. झारखंड राज्य सरकार के कर्मियों के लिए अधिकतम उम्र सीमा क्रमशः अनारक्षित वर्ग के लिए 40 वर्ष, पिछड़ा वर्ग (बीसी वन व टू) के लिए 42 वर्ष तथा अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए 45 वर्ष निर्धारित है.

अभ्यर्थियों ने कहा है कि आयोग द्वारा जो गड़बड़ी की गयी है, उनमें बीसी- 2 श्रेणी में अंतिम रूप से पुलिस सेवा के लिए चयनित क्रमांक 68015920, जो झारखंड राज्य सरकार के कर्मचारी हैं, उनकी उम्र अनारक्षित वर्ग के अधिकतम उम्र 40 वर्ष से कम थी. आंदोलन की दी चेतावनीफिर आयोग ने इनका रिजल्ट बीसी-2 श्रेणी में कैसे जारी कर दिया, जबकि बीसी-2 का कटऑफ मार्क्स 621 और अनारक्षित का कट अॉफ मार्क्स 600 ही है.

इसी प्रकार एसटी/एससी/ बीसी वन व बीसी-2 के वैसे छात्र जो फाइनल मेरिट लिस्ट में 600 व उससे अधिक अंक प्राप्त करने के कारण यूएनआर श्रेणी में चयनित हुए, उनके प्राथमिकता वाले सेवा चुनाव को दरकिनार कर नियम विरुद्ध व सुप्रीम कोर्ट के गाईडलाइन के विरुद्ध फाइनल मेरिट लिस्ट बनाया गया है. इधर आंदोलनकारी नेता उमेश प्रसाद व मनोज यादव ने कहा है कि लॉकडाउन हटने के बाद वे लोग इसे लेकर आंदोलन करेंगे.

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