बेरोजगारों को कौशल विकास की ट्रेनिंग के नाम पर गबन मामले में वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर की जांच एसीबी ने पूरी कर ली. प्रशिक्षण के नाम पर 29.83 करोड़ रुपये की हेराफेरी की बात कही गयी थी. इसके बाद वर्ष 2018 में सरकार ने एसीबी से मामले की जांच का आदेश दिया था. इसमें 19 करोड़ रुपये के बिल का भुगतान होना बाकी था. योजना के तहत राज्य की करीब 109 एजेंसियों को रुपये का भुगतान किया गया था.
एसीबी ने मंत्रिमंडल निगरानी विभाग को रिपोर्ट भेजते हुए बताया है कि जांच के दौरान जो तथ्य मिले हैं, उससे निजी संस्थानों द्वारा घोटाले से इनकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन यह मामला सिर्फ निजी संस्थानों से जुड़ा है. राशि के घोटाले में किसी सरकारी कर्मी या अधिकारी की भूमिका नहीं है. इसलिए इस मामले में आगे एसीबी से जांच का औचित्य नहीं है.
एसीबी के अधिकारियों के अनुसार, मामले में अधिक से अधिक यह कहा जा सकता है कि अधिकारियों की ओर से सेंटर का निरीक्षण नहीं करने के कारण निजी संस्थानों को गड़बड़ी करने का मौका मिला. इसके लिए विभाग के स्तर पर इस मामले में निर्णय लिया जाना उचित होगा. मामले को लेकर रांची जिला में चार केस दर्ज है. इसलिए इस मामले में आगे सीआइडी केस टेकओवर कर अनुसंधान कर सकती है या जिला पुलिस के स्तर से ही केस का अनुसंधान कराया जा सकता है.