राजधानी रांची में स्मार्ट मीटर लगाने का काम जनवरी माह से किया जा रहा है. अब तक 44,400 उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाया गया है. लेकिन, पंचिंग नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं के यहां दो माह से न तो रीडिंग हो रही है और न ही बिल दिया जा रहा है. इससे उपभोक्ता परेशान हैं.
बताया गया कि जिस गति से मीटर लगाये जा रहे हैं, उस गति से जेबीवीएनएल आइटी सेल की ओर से मीटर की पंचिंग नहीं की जा रही है. इस कारण समस्या उत्पन्न हुई है़ जब तक पंचिंग नहीं होगी, तब तक बिलिंग और रीडिंग मुश्किल है. वहीं, इसको लेकर बिलिंग एजेंसी हाथ खड़े कर दे रही है.
प्रतिदिन शहर में करीब 1000 स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं. लेकिन, मुश्किल से करीब 100 मीटर की ही पंचिंग हो पा रही है. अब तक करीब 31 हजार मीटर की ही पंचिंग हो पायी है. लगभग 13 हजार उपभोक्ताओं के घरों में बिलिंग और ऑन स्पॉट रीडिंग नहीं हो पा रही है. इसकी मुख्य वजह मैनपावर की कमी बतायी जा रही है.
बिलिंग एजेंसी बहाना बना रही है. सप्लाई के इंजीनियरों (कार्यपालक और सहायक अभियंता) को रेगुलर बेसिस पर पंचिंग करा कर बिलिंग शुरू करवानी है. इसमें आइटी सेल से किसी भी प्रकार की समस्या नहीं है. इसलिए इस मामले में वे ही बेहतर बता सकते हैं.
– संजय कुमार सिंह, जीएम आइटी, जेबीवीएनएल
जब मीटर बदला जाता है, तो कुछ तकनीकी समस्या आती है. पुराने और नये मीटर के डाटा को अपडेट किया जा रहा है. नियमित ऑन स्पॉट रीडिंग और बिलिंग कराने के लिए एजेंसी और इंजीनियरों को सख्त हिदायत दी गयी है. दो से तीन दिनों में बिलिंग एजेंसी उपभोक्ताओं को बिल भी दे देगी.
– पीके श्रीवास्तव, जीएम, रांची एरिया बोर्ड, जेबीवीएनएल