झारखंड में नये साल से प्री-पेड मोड में काम करने लगेंगे स्मार्ट मीटर, एप से रिचार्ज होगा बिजली कनेक्शन

जेबीवीएनएल के आइटी सेल ने डेटा सैंपल सर्वे रिपोर्ट को सही पाया है. इसके बाद प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल गयी है. रांची के अपर बाजार, मेन रोड व कांके रोड सहित अन्य क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो चुका है. शहर के अंदर कुल 3.5 लाख स्मार्ट मीटर लगाये जाने हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 18, 2022 11:49 AM

Jharkhand News: राजधानी में जनवरी से स्मार्ट मीटर प्री-पेड मोड में काम करने लगेंगे. पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तहत लगाये गये एक हजार मीटरों को प्री-पेड स्मार्ट मीटर में बदला जायेगा. इसकी शुरुआत 10 जनवरी से की जायेगी. जेबीवीएनएल के आइटी सेल ने डेटा सैंपल सर्वे रिपोर्ट को सही पाया है. इसके बाद प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल गयी है. रांची के अपर बाजार, मेन रोड व कांके रोड सहित अन्य क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो चुका है. शहर के अंदर कुल 3.5 लाख स्मार्ट मीटर लगाये जाने हैं. पहले चरण में 45 हजार स्मार्ट मीटर लगाये जायेंगे.

मोबाइल नेटवर्क के सहारे चिप से जुड़ा रहेगा मीटर

स्मार्ट मीटर में चिप लगा है. मोबाइल टावर्स के माध्यम से बिजली कंपनियों में लगे रिसीवर तक इसका सिग्नल पहुंचेगा. नेटवर्क की समस्या न रहे, इसके लिए बेसमेंट के बाहर मीटर लगाये जा रहे हैं. नेटवर्क फ्रिक्वेंसी के सहारे मीटर पहले हेड एंड सिस्टम (एचइएस) को डेटा ट्रांसफर करेगा. इसके बाद जेनरेट डेटा डिकोड होकर मीटर डेटा मैनेजमेंट सिस्टम से होते हुए बिलिंग साइकिल के तहत टैरिफ कैलकुलेशन के बाद साफ्टवेयर की मदद से फाइनल बिल के तौर पर उपभोक्ता के पास मैसेज चला जायेगा.

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लाइन लॉस और गलत बिलिंग की समस्या होगी खत्म

स्मार्ट मीटरिंग के बाद राजधानी में बिजली चोरी व अन्य तरीके से जेबीवीएनएल को होने वाले लाइन लॉस से छुटकारा मिल जायेगा. अभी करीब 20 फीसदी बिजली लाइन लॉस में चली जाती है. इसके अलावा ऊर्जा मित्रों द्वारा मीटर रीडिंग के दौरान होने वाली चूक, गलत बिल आदि की समस्या से भी छुटकारा मिल जायेगा. उपभोक्ता प्रीपेड स्मार्ट मीटर पर लगे डिस्पले स्क्रीन के माध्यम से आसानी से वर्तमान, शेष बिजली बिल, बिजली की शेष राशि व खपत संबंधी आकलन स्वयं कर सकेंगे.

न्यूनतम रिचार्ज 200 रुपये का कराना होगा

200 रुपये के न्यूनतम रिचार्ज पर उपभोक्ता बिजली का उपयोग कर सकेंगे. खपत के आधार पर यह अधिकतम 20 हजार या फिर विशेष परिस्थितियों में कॉमर्शियल यूजर्स के लिए यह राशि ज्यादा भी हो सकती है. राशि खत्म होने के बाद बिजली अपने आप कट जायेगी. हालांकि, जैसे-जैसे पैसे खत्म होते जायेंगे वार्निंग के तौर पर उपभोक्ताओं के मोबाइल पर लगातार मैसेज आता रहेगा.

पावर एक्सचेंज से “12 प्रति यूनिट खरीदनी पड़ी बिजली

जेबीवीएनएल की ओर से बकाये का भुगतान करने के बाद केंद्र सरकार द्वारा पावर एक्सचेंज व आधुनिक पावर से बिजली पर लगायी गयी रोक हटा दी गयी है. शनिवार को जेबीवीएनएल ने शाम पांच से सात बजे के बीच 100 मेगावाट अतिरिक्त बिजली पावर एक्सचेंज से ली. पर, पीक आवर में इसकी दर 12 रुपये प्रति यूनिट पड़ी. फिर भी जेबीवीएनएल को बिजली लेनी पड़ी, ताकि लोड शेडिंग की नौबत न आये.

फरक्का की एक यूनिट बंद

बताया गया कि एनटीपीसी के फरक्का प्लांट की एक यूनिट बंद रहने से 550 की जगह 450 मेगावाट ही बिजली मिली. आधुनिक प्लांट से भी 180 की जगह 90 मेगावाट बिजली मिली. पूरे राज्य में शनिवार को 2200 मेगावाट बिजली की मांग थी, पर 2000 मेगावाट ही उपलब्ध हो सकी. शाम के पांच बजे से सात बजे के बीच राज्य के कुछ हिस्सों में लोड शेडिंग कर आपूर्ति की गयी. जेबीवीए़नएल द्वारा बताया गया कि फरक्का और आधुनिक प्लांट की यूनिट चालू होते ही यह समस्या खत्म हो जायेगी.

रिपोर्ट : बिपिन सिंह, रांची

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