14.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

क्या झारखंड में बन सकता है रीवा जैसा सोलर पावर प्लांट?

नीतीश प्रियदर्शी ने कहा कि झारखंड में भूमिअधिग्रहण को लेकर भी कई समस्याएं हैं, क्योंकि यहां जंगल क्षेत्र ज्यादा है. ऐसे में जंगलों को काटना उचित नहीं होगा. ऐसे में सरकार को भूमि अधिग्रहण करते वक्त यह देखना होगा कि जंगल ना कटें, बंजर भूमि पर सोलर प्लांट लगाना उचित होगा.

केंद्र सरकार ने 2030 तक 450 गीगावाट यानी 4.50 लाख मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन रिन्यूएबल एनर्जी के जरिये करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें सोलर एनर्जी का योगदान 280 गीगावाट (2.80 लाख मेगावाट) होगा.

यह एक बड़ा लक्ष्य है और अगर सरकार इसे पूरा कर पाती है तो यह उल्लेखनीय होगा. इस परिदृश्य में अगर हम झारखंड की बात करें तो हम पाते हैं कि यहां चुनौतियां बहुत ज्यादा हैं. हालांकि सरकार सौर ऊर्जा पर फोकस कर रही है, लेकिन धरातल पर कोई बड़ा प्रोजेक्ट अभी तक नजर नहीं आ रहा है. सौर ऊर्जा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है और इस दिशा में क्या ठोस काम हो रहे हैं?

Undefined
क्या झारखंड में बन सकता है रीवा जैसा सोलर पावर प्लांट? 3

इस सवाल के जवाब में झारखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (जेरेडा) के कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार ने बताया कि प्रदेश में सोलर थर्मल पावर प्लांट लगाने की योजना है और इसपर सहमति लगभग बन गयी है. हालांकि योजना को अभी मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन बहुत जल्द ही सरकार इस दिशा में ठोस निर्णय लेने वाली है. अगर प्रदेश में सोलर पावर प्लांट लगता है तो यह बड़ी उपलब्धि होगी और प्रदेश अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अहम योगदान कर पायेगा.

सोलर पावर प्लांट के लिए जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत होगी वह है जमीन. देश का सबसे बड़ा सोलर पार्क 1590 एकड़ में फैला है. ऐसे में अगर झारखंड में सोलर पार्क बनता है तो इतनी ही जमीन की जरूरत होगी. झारखंड में सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना को पर्यावरणविद्‌ नीतीश प्रियदर्शी ने बेहतरीन योजना बताया. लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना के लिए बड़े पैमाने पर जमीन की जरूरत होगी. झारखंड एक पठारी राज्य है, ऐसे में यहां समतल जमीन नहीं मिलेगी. साथ ही यह भी देखना होगा कि धूप किन इलाकों में अच्छी मिलेगी.

नितीश प्रियदर्शी ने कहा कि झारखंड में भूमिअधिग्रहण को लेकर भी कई समस्याएं हैं, क्योंकि यहां जंगल क्षेत्र ज्यादा है. ऐसे में जंगलों को काटना उचित नहीं होगा. ऐसे में सरकार को भूमि अधिग्रहण करते वक्त यह देखना होगा कि जंगल ना कटें, बंजर भूमि पर सोलर प्लांट लगाना उचित होगा. साथ ही अगर वैसे माइंस इलाके में सोलर प्लांट लगाया जाये जहां खनन अब बंद हो चुका है तो वह बेहतरीन उपाय होगा.

Undefined
क्या झारखंड में बन सकता है रीवा जैसा सोलर पावर प्लांट? 4

झारखंड में श्रमिकों की कमी नहीं है, यहां से श्रमिक पलायन कर दूसरे राज्यों में जाते हैं. ऐसे में अगर उन्हें अपने घर में नौकरी मिलेगी तो यह उनके लिए बेहतरीन अवसर होगा.

देश के प्रमुख सोलर पावर प्लांट

देश में कुछ प्रमुख सोलर पार्क हैं भड़ला सोलर पार्क राजस्थान, पावागढ़ सोलर पार्क, कर्नाटक, कुरनूल अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क, आंध्र प्रदेश, एनपी कुंटा अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क, आंध्रप्रदेश और रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट.

पृथ्वी के लगातार बढ़ते तापमान ने जलवायु परिवर्तन में अहम भूमिका निभाई है और अगर बात 2021 की ही करें तो कहीं सूखा, कहीं बाढ़, तो कहीं बर्फ के पिघलने से सैकड़ों लोगों की जान गयी. जलवायु परिवर्तन की इस भयावहता को पहचान कर ही विश्व में पेरिस समझौते को लागू किया गया और एनर्जी ट्रांजिशन पर जोर दिया जा रहा है. ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए ऊर्जा के अक्षय स्रोतों पर निर्भरता बढ़ाने की लगातार कोशिश हो रही है.

Posted By : Rajneesh Anand

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें