झारखंड में अगले 2 वर्षों में होने लगेगा 750 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन, प्रक्रिया शुरू
चांडिल डैम में भी 600 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बनेगा. वहीं चांडिल डैम में 600 मेगावाट के फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का निर्माण जेरेडा द्वारा कराया जा रहा है
झारखंड में अगले दो वर्षों में दो फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट से 750 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होने लगेगा. इसकी प्रक्रिया आरंभ हो गयी है. गेतलसूद डैम में 150 मेगावाट के फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के लिए निविदा भी जारी हो चुकी है. 27 जुलाई को निविदा खुलेगी. अब तक जीएट, स्टर्लिंग विल्सन, भेल, एलएंडटी, टाटा पावर सोलर व अल्फनार ने इस प्लांट को लगाने में रुचि दिखायी है. 27 जुलाई को इस पर अंतिम फैसला होगा.
वहीं, चांडिल डैम में भी 600 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बनेगा. वहीं चांडिल डैम में 600 मेगावाट के फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का निर्माण पीपीपी मोड में जेरेडा द्वारा कराया जा रहा है. स्थल चयन के लिए बेंगलुरु की कंपनी ने गुरुवार से सर्वे आरंभ कर दिया है. बताया गया कि दोनों प्लांट के निर्माण में लगभग दो वर्ष का समय लगेगा. इसके बाद दोनों प्लांट से 750 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी.
गौरतलब है कि झारखंड बिजली वितरण निगम द्वारा रांची के सिकिदरी स्थित गेतलसूद डैम में वर्ल्ड बैंक की मदद से 800 करोड़ की लागत से फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का निर्माण कराया जा रहा है. इसके लिए झारखंड बिजली वितरण निगम और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) के बीच करार भी हुआ है. सेकी द्वारा ही निविदा निकाली गयी है.
आयोग को प्रस्ताव भेजा
जेबीवीएनएल द्वारा गेतलसूद में बनने वाले सोलर पावर प्लांट की बिजली किस दर में बिकेगी, इसकी टैरिफ का प्रस्ताव झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग को भेज दिया गया है. आयोग के पास 3.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बेचने का प्रस्ताव दिया गया है.