राज्य के केवल सात शहरों में कचरा प्रबंधन पर काम हुआ है. देवघर और गिरिडीह में कचरा प्रबंधन के लिए बना सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट (Solid Waste Management Plant) पूरी क्षमता के साथ काम कर रहा है. जबकि, तीन नगर निकायों गोड्डा, चाकुलिया और बुंडू में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट (Solid Waste Management Plant) बन कर तैयार है. इन तीनों निकायों में ट्रायल रन शुरू कर दिया गया है. इसके अलावा झुमरी तिलैया और खूंटी में भी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए प्लांट लगभग तैयार कर लिया गया है. जल्द ही दोनों ही जगहों पर ट्रायल रन शुरू किया जायेगा.
इन सात शहरों को छोड़ राजधानी रांची समेत सभी निकायों में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए प्लांट नहीं बनाया जा सका है. धनबाद में जमीन हस्तांतरण से आगे काम नहीं बढ़ा है. चास में डीपीआर के स्तर पर ही काम लंबित है. पाकुड़, जामताड़ा, लातेहार व सरायकेला में प्लांट निर्माण का काम पूरी तरह से बंद है. मिहिजाम व गढ़वा में प्लांट की चहारदीवारी तक नहीं बनायी जा सकी है. साहिबगंज में भी प्लांट निर्माण का कार्य शुरू नहीं किया जा सका है. सभी शहरों में कचरा उठा कर खुले में डंप कर दिया जाता है.
राजधानी रांची में वर्ष 2010 में शुरू किये गये सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना अब तक जमीन पर नहीं उतर पायी है. हाल ही में रांची नगर निगम के डंपिंग यार्ड झिरी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट निर्माण का काम गेल इंडिया को दिया गया है. प्लांट निर्माण के झिरी में लगा कचरा का ढेर हटा कर गेल को जमीन दी जानी है. कचरा हटा कर जमीन समतल करने के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है. बायो रेमिडिएशन के लिए कचरे का ट्रीटमेंट किया जायेगा. इस प्रक्रिया में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग किया जायेगा. सूखे कचरे से रिसाइकिल के लायक सामान निकाल कर शेष को खाद बनाया जायेगा.