रांची. आज सोमवती अमावस्या है. सोमवार के कारण इसका विशेष महत्व है. सुहागिन महिलाएं पतियों की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं. मान्यता है कि मौन व्रत से हजार गोदान का फल मिलता है. पीपल वृक्ष की दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चंदन से पूजा और वृक्ष में 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा करने का विधान है. पंडित कौशल कुमार मिश्र ने कहा कि सोमवती अमावस्या पर नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व है. महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था कि सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करनेवाले मनुष्य को समृद्ध मिलेगी. स्वस्थ रहेगा. सभी दुखों से मुक्ति मिलेगी. यह भी मान्यता है कि पितरों की आत्माओं को शांति मिलती है. सोमवती अमावस्या पर हरमू रोड स्थित श्याम मंदिर में बाबा का महास्नान कराया जायेगा.
सोमवती अमावस्या आज, नदियों में स्नान का है विशेष महत्व
आज सोमवती अमावस्या है. सोमवार के कारण इसका विशेष महत्व है. सुहागिन महिलाएं पतियों की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं.
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