रांची : जामताड़ा में अवैध उत्खनन और कोयला चोरी को लेकर जामताड़ा एसपी ने रिपोर्ट तैयार की है. एसपी ने रिपोर्ट डीजीपी को भेजते हुए आवश्यकतानुसार बलों की प्रतिनियुक्ति करने का भी अनुरोध किया है. एसपी ने रिपोर्ट में लिखा है कि नाला थाना क्षेत्र में इसीएल का एक प्रोजेक्ट ओपेन कास्ट माइनिंग आम लोगों की सुरक्षा के इंतजाम किये बिना बंद कर दिया गया. इस बंद पड़े खदान में पांच प्रकार की भूमि है. लेकिन आज तक इसीएल द्वारा न तो अधिग्रहित भूमि के बारे में स्थानीय प्रशासन को जानकारी दी गयी.
आगे लिखा है कि नाला क्षेत्र के कास्ता, पलास्थली एरिया में वन विभाग की अपनी जमीन है, लेकिन इसे भी वन विभाग द्वारा आज तक चिह्नित नहीं किया गया है. वहीं दूसरी ओर रेलवे द्वारा अधिग्रहित भूमि के बारे में स्थानीय प्रशासन के पास कोई जानकारी है. इसके अलावा एरिया में गैरमजरूआ जमीन भी पड़ती है, लेकिन अभी तक नाला अंचल के द्वारा चिह्नित नहीं किया गया है.
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि उन्हें सूचना मिल रही है कि शराफत खान जो वीरभूम में डॉन के नाम से कुख्यात है, वह वीरभूम पश्चिम बंगाल में स्थित कपिस्ता, गर्दभ माइंस, पुरुलिया माइंस और रसूनपुर माइंस के अंतर्गत कोलयरी से पब्लिक एवं जेसीबी की मदद से कोयला चोरी कराकर आनंदपुर, पांडेश्वर ब्रिज के आसपास के इलाके में बेचता है.
वहीं, बाराबानी का दीना बाउरी कोयला की चोरी कर रेनाकूड़ा घाट पर स्थित बाराबनी चेक पोस्ट से थोड़ा आगे पेट्रोल पंप भी बनवा रहा है. कोयला चोरी की समस्या से निदान के लिए कास्ता, पलास्थली के आसपास के क्षेत्र में कुएं के समान बने गड्ढे को वन विभाग तथा इसीएल कंपनी के द्वारा नियमित रूप से डोजरिंग कराने की आवश्यकता है. इलाका काफी गरीब होने के कारण स्थानीय लोग जान जोखिम में डाल कर कोयला का उत्खनन कर बेचते हैं. इन क्षेत्र के लोगों के लिए वैकल्पिक रोजगार की आवश्यकता है.
Post by : Pritish Sahay