Loading election data...

स्पीकर रबींद्र नाथ महतो व राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने लाइब्रेरी एवं स्टडी सेंटर का किया उद्घाटन, कही ये बात

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रबींद्र नाथ महतो ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पुस्तकालय की स्थापना समाज के लिए एक नेक शगुन है. हम इबादतगाहें बनाते हैं. लाइब्रेरी की स्थापना एक बड़ी इबादतगाह है. हम दूसरे का धन प्रतिष्ठा नहीं ले सकते हैं लेकिन दूसरों से ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2023 6:01 PM
an image

रांची: झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो एवं राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने संयुक्त रूप से आज रविवार को रांची के बहुबाजार रोड स्थित जमीयतुल एराकीन भवन में लाइब्रेरी एवं स्टडी सेंटर का उद्घाटन किया. यह लाइब्रेरी एवं स्टडी सेंटर जमीयतुल एराकीन संस्था द्वारा छात्र एवं छात्राओं को पुस्तकालय की सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर खोला गया है. इस अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. स्कूल की छात्राओं ने अतिथियों के सम्मान में स्वागत गीत गाए. कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त डीडीसी सह संस्था के अध्यक्ष हसीब अख्तर ने की. विशिष्ट अतिथि के तौर पर पूर्व सर्वे ऑफिसर अब्दुल सुभान, अधिवक्ता शमीम अख़्तर, टेक्निकल ऑफिसर हाजी एनामुल हक़ मौजूद रहे. मंच का संचालन जमीयत के प्रवक्ता वरिष्ठ पत्रकार मुस्तक़ीम आलम ने किया.

लाइब्रेरी की स्थापना है बड़ी इबादतगाह

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रबींद्र नाथ महतो ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पुस्तकालय की स्थापना समाज के लिए एक नेक शगुन है. हम इबादतगाहें बनाते हैं. लाइब्रेरी की स्थापना एक बड़ी इबादतगाह है. हम दूसरे का धन प्रतिष्ठा नहीं ले सकते हैं लेकिन दूसरों से ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वयं को पुस्तकालय को समर्पित कर दीजिए. पुस्तकालय आपको वो मंज़िल देगा, जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि ये संस्था की बड़ी पहल है. लाइब्रेरी समाज में प्रतिभाओं के लिए एक पुरस्कार के समान है और स्टडी सेंटर बिखरी हुई प्रतिभाओं को एकत्रित करने की बेहतरीन पहल है. पुस्तकें जीवन को सुसज्जित करती हैं. उन्होंने अपने क्षेत्र नाला की प्रत्येक पंचायत में बेकार पड़े सरकारी भवनों को कैसे पुस्तकालय के रूप में तब्दील कराए, इस पहल को भी विस्तृत रूप से कार्यक्रम में लोगों से साझा किया.

Also Read: श्रावणी मेला 2023: बाबा बासुकिनाथ आने वाले 3000 श्रद्धालु टेंट सिटी में कर चुके विश्राम, मनोरंजन के लिए है LED

लाइब्रेरी में प्रतियोगिता परीक्षाओं की पुस्तकें भी उपलब्ध

राज्यसभा सदस्य महुआ माझी ने कहा कि जमीयतुल एराकीन के द्वारा स्थापित पुस्तकालय एक महान पहल है. मेरा सौभाग्य है कि ऐसे पवित्र कार्यक्रम में हिस्सा लेने का मौका मिला. इसके आसपास स्लम आबादी बहुत है, जहां लाइब्रेरी की स्थापना आला सोच को दर्शाता है. ये एक क्रांतिकारी क़दम है और मुझे उम्मीद है कि माही के संयोजक इबरार अहमद, मो ग्याशुद्दीन उर्फ मुन्ना भाई का सहयोग मिलता रहेगा और ये लाइब्रेरी फलता-फूलता रहेगा. मुझे खुशी है कि इस लाइब्रेरी में सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं की पुस्तकें भी उपलब्ध हैं.

Also Read: श्रावणी मेला 2023: श्रद्धालुओं की भीड़ को लेकर पूर्व रेलवे ने की घोषणा, ये स्पेशल ट्रेनें चलेंगी 17 जुलाई से

कंप्यूटर सेंटर की होगी स्थापना

जमीयतुल एराकीन कमिटी के महासचिव सैफुल हक़ ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि यह पूरे रांची में सबसे पुराने स्कूलों में से है और जमीयत ने समाज में बहुत ही सकारात्मक भूमिका निभाई है और हर सामाजिक कार्यों में शामिल रहा है. जमीयतुल एराकीन की स्थापना 1938 में हुई है और ये शहर की पुरानी पंचायत है और पुस्तकालय की स्थापना भी सबसे पहले हुई है. अपने अध्यक्षीय भाषण में हसीब अख़्तर ने कहा कि हमारे समाज में बड़ी संख्या में ऐसे छात्र हैं जिन्हें घर में पढ़ने की जगह उपलब्ध नहीं है. इसी मक़सद के तहत लाइब्रेरी की स्थापना की गई है, ताकि ऐसे बच्चे लाभान्वित हों. कमिटी इस लाइब्रेरी को चौबीस घंटे खोलने की तैयारी में है. कमिटी का अगला कार्यक्रम इस क्षेत्र में कंप्यूटर लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए कंप्यूटर सेंटर की स्थापना करना है. हसीब अख़्तर ने पुस्तकालय के लिए किताबें दान देने के लिए माही के इबरार अहमद, सदफ़ पब्लिक स्कूल के सेराजुद्दीन, शान बॉयज होस्टल के डायरेक्टर सफवान आलम उर्फ ज़ीशान, अनवार आलम, सर्व इंडिया ग्रुप और ज़फर नईम का आभार व्यक्त किया.

Also Read: टॉप संस्थानों में होने के लिए स्थापित करें मानदंड, BIT मेसरा के स्थापना दिवस पर बोले राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन

कार्यक्रम में ये थे मौजूद

इस कार्यक्रम में जमीयतुल एराकीन के उपाध्यक्ष दस्तगीर आलम, कोषाध्यक्ष मोजाहिद सोहैल, कार्यकारिणी सदस्यों में मुजाहिद इस्लाम, अर्शद शमीम, कमालुद्दीन, अब्दुल गफ़ूर शाज़ली,जावेद शहज़ाद,मोहम्मद जावेद के इलावा माही के संयोजक इबरार अहमद, गयासुद्दीन मुन्ना,मोहम्मद सलाहुद्दीन, सरवर इमाम खान, रिजवान अंसारी,सरफराज अहमद, नदीम अख़्तर, प्रोफेसर निज़ामुद्दीन ज़ुबैरी, राशिद बुखारी, प्रोफेसर अनीसुर्रहमान, अरशद कमाल, नैय्यर परवेज़ डायमंड, जुनैद अहमद, डॉ तनवीर, डॉ असलम परवेज़, मंज़र इमाम, औरंगज़ेब, मोहम्मद नजीब, मोहम्मद वसीम, जावेद अहमद, मोहम्मद शकील, नूर आलम, ख़ालिद सैफुल्लाह, सलमान चौधरी, शोऐब रहमानी, समी आजाद, मज़हर हुसैन, शहज़ीन इरम, सैय्यद मेराज हसन, मोहम्मद अकबर, मोहम्मद नईम, मोहम्मद सेराज आदि उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन अफरोज़ आलम ने किया.

Also Read: झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिले सीएम हेमंत सोरेन, वीसी-प्रोवीसी की नियुक्ति को लेकर हुई बात

Exit mobile version