रांची (विशेष संवाददाता). दिल्ली विवि के प्रो रवि रंजन ने कहा है कि चुनावी प्रक्रिया सफल लोकतंत्रीकरण के लिए आवश्यक है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. इसके लिए प्रतिनिधित्व से परे, लोकतंत्र का कल्याण और खुशहाली भी सुनिश्चित करनी होती है. प्रो रंजन शुक्रवार को केंद्रीय विवि, झारखंड (सीयूजे) अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग के तत्वावधान में लोकतंत्र के लिए चुनाव क्यों आवश्यक हैं? विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में बोल रहे थे. प्रो रंजन ने मतदान को वैधानिक, संवैधानिक और कानूनी अधिकार बताया. उन्होंने बताया कि जुलाई 2023 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया कि यह विरोधाभासी है कि लोकतंत्र संविधान की एक बुनियादी विशेषता है, लेकिन वोट देने के अधिकार को मौलिक अधिकार का दर्जा नहीं दिया गया है. अदालत ने तर्क दिया कि वोट देने का अधिकार लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण घटक है. इसके बावजूद कुछ लोगों का तर्क है कि यह एक संवैधानिक अधिकार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र के लिए अनिवार्य शर्त है, लेकिन हर चुनाव इन मानदंडों को पूरा नहीं करता है. इससे पूर्व डीन डॉ आलोक कुमार गुप्ता ने आगंतुकों का स्वागत किया. कार्यक्रम की संयोजक डॉ अपर्णा ने विषय प्रवेश कराया. इस अवसर पर विभाग के सभी शिक्षक, विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित थे. व्याख्यान में केरल, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और दिल्ली के साथ-साथ बांग्लादेश और श्रीलंका के छात्र व शिक्षक ऑनलाइन जुड़े दिल्ली विवि के प्रो रवि रंजन ने कहा है कि चुनावी प्रक्रिया सफल लोकतंत्रीकरण के लिए आवश्यक है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. इसके लिए प्रतिनिधित्व से परे, लोकतंत्र का कल्याण और खुशहाली भी सुनिश्चित करनी होती है.
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