रांची. मौनी अमावस्या पर बुधवार को राजधानी के विभिन्न मंदिरों में भीड़ रही. श्रद्धालुओं ने सबकी सुख-समृद्धि के लिए कामना की. इससे पहले सुबह श्रद्धालुओं ने नदी और तालाबों में आस्था की डुबकी लगायी. मौनी अमावस्या पर खाटू नरेश को महास्नान कराया गया. हरमू रोड स्थित श्री श्याम मंदिर में खाटू नरेश का महास्नान अनुष्ठान हुआ. सुबह पांच बजे मंदिर का पट खोल दिया गया. सुबह 5:30 बजे मंगला आरती के बाद बाबा श्याम एवं सभी देवी-देवताओं को महास्नान कराया गया. नवीन पोशाक बागा और कोलकाता से मंगायी गयी फूलों की मालाओं से सजाया गया. पंचमेवा का भोग लगाया गया. पंचदीप की विशेष शृंगार आरती हुई. भक्तों के बीच महास्नान चरणामृत एवं प्रसाद वितरित किया गया. वहीं दो फरवरी को वसंत पंचमी उत्सव मनाया जायेगा. बाबा श्याम सहित सभी देवी-देवताओं का वसंती शृंगार होगा. श्री लक्ष्मी वेंकटेश्वर तिरुपति बालाजी मंदिर में मौनी अमावस्या पर विशेष पूजा-अर्चना हुई. महाआरती के बाइ खीर फल और मेवा का बाल भोग लगाया गया. दोपहर और रात में नौ प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया.
गुप्त नवरात्र आज से, तीन को वसंत पंचमी
आज से गुप्त नवरात्र शुरू हो रहा है. गुरुवार शाम 5.21 बजे तक प्रतिपदा है. इस नवरात्र में सप्तमी तिथि का क्षय है. प्रतिपदा के दिन चंद्र दर्शन का योग है. वहीं सात फरवरी को दशमी है, जिस दिन रात 10.32 बजे तक दशमी तिथि है. पंडित कौशल कुमार मिश्र ने कहा कि 10 महाविद्याओं की गुप्त पूजा होने के कारण इसे गुप्त नवरात्र कहा जाता है. यह नवरात्रि माघ के अलावा आषाढ़ महीने में आती है. इस नवरात्रि में विशेष कामना की सिद्धि से कई तरह के कष्टों का निवारण होता है. इस नवरात्रि में भक्त माता रानी की पूजा-अर्चना कर यदि दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहते हैं, तो कर सकते हैं. वहीं मंदिरों में भी जाकर मां की पूजा की जा सकती है. इसी नवरात्र की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी भी मनायी जाती है. इस बार तीन फरवरी को वसंत पंचमी है. तीन फरवरी को सुबह 9:36 बजे तक पंंचमी तिथि है. इसके बाद षष्ठी तिथि लग जायेगी. उदयाकाल में पंचमी तिथि मिलने के कारण पूरा दिन पंचमी तिथि का मान्य होगा. पंचमी तिथि दो फरवरी को दिन के 11.53 बजे से लग रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है