रांची : डीएवी संस्थान के विशेष आमंत्रण पर मंगलवार को संन्यासी मुक्तरथ जी डीएवी कपिलदेव में सात विद्यालयों से आए करीब तीन सौ शिक्षकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि उनके जीवन शैली और कार्यशैली से जुड़े समस्याओं एवं महिला सशक्तिकरण पर योग के प्रभावकारी अभ्यासों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की और योग-अभ्यास कराया.
शिक्षकों को पीठ दर्द की समस्या
उन्होंने कहा कि शिक्षकों के कार्यशैली के अनुरूप जो परेशानियां आती हैं वो है पीठ दर्द और मेरूदंड की समस्या है. इन समस्याओं से निजात पाने में ताड़ासन, त्रिकोणासन, कटि-चालन, अर्ध चक्रासन, शशांकासन, व्याघ्रासन, तितली आसन और सर्पासन करना चाहिए. दिमागी थकावट को दूर करने के लिए नाड़ीशोधन प्राणायाम और भ्रामरी को करना बहुत आवश्यक है.
ध्यान से दिमाग तेज होता है
ध्यान के संदर्भ में मुक्तरथ जी ने कहा कि ध्यान तेजी से दिमाग को हल्का करता है और खोई हुई ऊर्जा को पुनः मस्तिष्क में भरने का काम करता है. सच्चाई तो यही है कि बिना ध्यान के आंनद कहाँ और सुख कहाँ ? उन्होंने कहा कि जीवन में सुख चाहिए तो ध्यान जरुरी है क्योंकि ध्यान के बिना तनाव खत्म नहीं हो सकता है. उन्होंने शिक्षकों को सलाह दी कि कम से कम दस मिनट का ध्यान नियमित करना जरूरी है. दस मिनट ध्यान को साधने के लिए प्रतिदिन एक घण्टा योगासन और बीस मिनट प्राणायाम करना जरूरी है ताकि शरीर में कोई कड़ापन न रहे, घुटने या रीढ़ में कोई दर्द न हो, मस्तिष्क में रक्त का जमाव न हो. तभी ध्यान में सफलता मिलती है. शिक्षकों को योगाभ्यास करके मानशिक शक्ति से तरोताजा होना चाहिए.
डीएवी कपिलदेव के प्रिंसिपल ने किया स्वागत
योगाभ्यास शुरू करने से पहले डीएवी कपिलदेव के प्रिंसिपल एम के सिन्हा ने स्वामी मुक्तरथ का स्वागत किया गया. इसके बाद शांति मंत्र हुआ. व्याख्यान के बाद योगाभ्यास शुरू हुआ. इस कार्यक्रम में कई स्कूलों के प्राचार्य और शिक्षक भाग लिये जिसमें नीरजा सहाय डीएवी कांके, डीएवी सिल्ली, डीएवी बरियातू, डीएवी हेहल, डीएवी पुनदाग, डीएवी गोविंदपुर, डीएवी गांधीनगर और डीएवी कपिलदेव के सैकड़ों शिक्षक भाग लिए. योग के बाद सभी शिक्षकों को मुक्तरथ जी ने सहज ध्यान के अभ्यासों को कराया जिसे करने में शिक्षकों में काफी उत्साह देखा गया. आपको बता दें कि 21,जून 2024, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राँची के सभी डीएवी संयुक्त रूप से एक वृहत योग कार्यक्रम को मनाने की तैयारी में है.
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