झारखंड सरकार का विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए बड़ा कदम, वेतन और नियुक्ति की उम्र बढ़ी
झारखंड सरकार ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए नियुक्ति नियमावली में संशोधन किया है. इसके तहत अब डॉक्टरों की नियुक्ति 45 से 50 साल के बीच भी होगी. ये निर्णय डॉक्टरों और संगठनों के सुझाव के बाद लिया गया है
रांची : झारखंड सरकार ने राज्य में विशेषज्ञ चिकित्सकों (गैर शैक्षणिक) की कमी दूर करने के उद्देश्य से नियुक्ति नियमावली में संशोधन किया है. इसके तहत सामान्य जाति के विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति अब 45 वर्ष और एससी-एसटी की नियुक्ति 50 साल की उम्र तक की जा सकेगी. साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों को पे बैंड-3 के लेवल 11 में 15600-34800 का वेतनमान और 6600 रुपये का ग्रेड-पे दिया जायेगा. सरकार ने यह निर्णय डॉक्टरों व उनके संगठनों द्वारा दिये गये सुझाव के आलोक में लिया है.
नियुक्ति के लिए शैक्षणिक योग्यता, इंटरव्यू और अनुभव के आधार पर जेपीएससी द्वारा मेरिट लिस्ट तैयार किया जायेगा. राज्य ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी की समीक्षा के दौरान यह पाया कि झारखंड में उन्हें बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश सहित कुछ अन्य राज्यों के मुकाबले कम वेतन मिलता है. इसके अलावा विशेषज्ञ चिकित्सकों को राज्य के निजी अस्पतालों में भी सरकार से ज्यादा वेतन मिलता है. इसलिए विशेषज्ञता हासिल करने के बाद डॉक्टर दूसरे राज्यों या निजी अस्पतालों में काम करना ज्यादा पसंद करते हैं.
समीक्षा के दौरान इस बात की भी जानकारी मिली कि नियुक्त प्रक्रिया में जितने विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र दिया जाता है, उतने डॉक्टर योगदान भी नहीं करते हैं. वर्ष 2016 में 654 विशेष चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था. आवेदकों की संख्या कम होने की वजह से राज्य लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने नियुक्ति के लिए सिर्फ 162 विशेष डॉक्टरों के नाम की अनुशंसा की.
इसमें से भी सिर्फ 147 ने ही योगदान किया. वर्ष 2017 में 369 पदों पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति में सिर्फ 116 डॉक्टर ही मिले. इसमें से भी सिर्फ 98 ने ही योगदान किया. वर्ष 2018 में भी यही स्थिति रही. विशेष चिकित्सकों के 415 पदों के लिए निकाले गये विज्ञापन के आलोक में जेपीएससी ने सिर्फ 78 डॉक्टरों की नियुक्ति की अनुशंसा करने में सफलता पायी. हालांकि, इसके मुकाबले सिर्फ 72 डॉक्टरों ने ही योगदान किया. समीक्षा के दौरान यह भी पाया गया कि राज्य में 1012 विशेष चिकित्सकों के स्वीकृत पदों के मुकाबले सिर्फ 134 डॉक्टर ही कार्यरत हैं. यानी विशेषज्ञ चिकित्सकों के 87 प्रतिशत पद खाली पड़े हुए हैं.
डॉक्टरों और उनके संगठनों से मांगा गया था सुझाव
राज्य में रिक्त पड़े विशेषज्ञ चिकित्सकों के पदों को भरने के लिए सरकार ने डॉक्टरों व उनके संगठनों से सुझाव मांगा था. साथ ही सरकार के अलावा दूसरी जगह काम करने के कारणों की भी जानकारी मांगी थी. इसके आलोक में डॉक्टरों व उनसे संबंधित संगठनों ने अपने-अपने सुझाव दिये. इसमें सबसे ज्यादा सुझाव वेतन, उम्र और पोस्टिंग के लिए विकल्प से मिले.
इन सुझावों पर विचार करने के बाद सरकार ने पाया कि दूसरे राज्यों में विशेषज्ञ चिकित्सकों को झारखंड से अधिक वेतन मिलता है. झारखंड में विशेषज्ञ चिकित्सकों को पे बैंड-टू में 9,300-34,800 रुपये का वेतनमान और 5400 रुपये का ग्रेड-पे मिलता है. फिलहाल राज्य में विशेष चिकित्सकों की नियुक्ति की अधिकतम उम्रसीमा 35 साल निर्धारित है. समीक्षा में सरकार ने यह भी पाया कि एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉक्टरों को विशेषज्ञता हासिल करने में छह साल का समय लगता है.
साथ ही राज्य में विशेष चिकित्सकों के पदस्थापन के लिए कोई रोस्टर नहीं है. इसलिए सरकार ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए अधिकतम उम्र सीमा और दूसरे राज्यों के समतुल्य वेतन देने का फैसला किया है. नियुक्ति के लिए एमबीबीएस में प्राप्तांक के लिए अधिकतम 60 अंक, डिग्री, डिप्लोमा, डीए के लिए 15 अंक, इंटरव्यू के लिए 15 अंक और अनुभव के लिए प्रति वर्ष पांच के हिसाब से अधिकतम 25 अंक दिये जायेंगे.
नियुक्ति की अधिकतम उम्रसीमा
उम्र कैटेगरी
45 वर्ष अनारक्षित व आर्थिक रूप से कमजोर
47 वर्ष पिछड़ा व अत्यंत पिछड़ा वर्ग
48 वर्ष अनारक्षित, पिछड़ा व अत्यंत पिछड़े वर्ग की महिलाएं
50 वर्ष एससी-एसटी (पुरुष एवं महिला)
Posted By: Sameer Oraon