संत पॉल कैथेड्रल की 150 वर्षीय जुबली समारोह आज से, 12 सितंबर 1870 को रखी गयी थी नींव
सीएनआइ छोटानागपुर डायसिस के प्रमुख गिरजाघर (बहूबाजार, रांची) स्थित संत पॉल कैथेड्रल का 150 वर्षीय जुबली समारोह मनाया जायेगा. इसकी नींव 12 सितंबर 1870 को रखी गयी थी. इस गिरजाघर के निर्माण में कुल 26,000 रुपये खर्च हुए थे.
सीएनआइ छोटानागपुर डायसिस के प्रमुख गिरजाघर (बहूबाजार, रांची) स्थित संत पॉल कैथेड्रल का 150 वर्षीय जुबली समारोह मनाया जायेगा. इसकी नींव 12 सितंबर 1870 को रखी गयी थी. इस गिरजाघर के निर्माण में कुल 26,000 रुपये खर्च हुए थे. इसके लिए कोलकाता डायसिस के गिरजा निर्माण फंड से 7500 रुपये, जनरल इटी डाल्टन से 3000 रुपये व एंग्लिकन बिशप मिलमैन से 2000 रुपये मिले थे.
अंग्रेज सरकार का नियम था कि जहां भी 50 अंग्रेज पदस्थापित थे, वहां उनके स्टेशन के प्रार्थनालय बनाने के लिए 3500 रुपये दिये जाते थे. यह पैसा भी मिला. बाकी खर्च एसपीजी (सोसाइटी फॉर द प्रोपोगेशन ऑफ गाॅस्पल) व एसपीसीके ने वहन किया था. गिरजाघर की नींव छोटानागपुर के तत्कालीन कमिश्नर, जेनरल इटी डाल्टन ने रखी थी. इसका उद्घाटन (संस्कार) आठ मार्च 1873 को किया गया था.निर्माण के समय यह गिरजाघर कोलकाता डायसिस के तहत था.
किसी डायसिस के प्रमुख गिरजाघर को महागिरजाघर या कैथेड्रल कहा जाता है. कैथेड्रा का मतलब बिशप का सिंहासन होता है. छोटानागपुर प्रांत की कलीसिया की व्यवस्था को कोलकाता धर्मप्रांत से अलग करने के लिए ब्रिटिश संसद की मंजूरी जरूरी थी. यह मंजूरी मिलने के बाद 23 मार्च 1890 को जेसी व्हिटली नवसृजित छोटानागपुर डायसिस के प्रथम बिशप बने. इसके साथ ही इस गिरजाघर को महागिरजाघर कैथेड्रल का दर्जा मिल गया.
समारोह की तैयारियां पूरी :
कोरोना के चलते सितंबर में समारोह आयोजित नहीं हुआ था. इसलिए अब 18 से 20 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है. इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. समारोह का मूल वाक्य ”ख्रीस्तीय युग का पुनर्निर्माण” रखा गया है. शुक्रवार को सुबह आठ बजे से प्रभु भोज आराधना होगी,
जिसे सीएनआइ छोटानागपुर डायसिस के बिशप बीबी बास्के और आरसी चर्च के आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो संपन्न करायेंगे. दिन के 11.30 बजे जुबली पत्थर का अनावरण होगा. दिन के 12 बजे से कैथेड्रल परिसर में शोभायात्रा निकाली जायेगी. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बाद मुख्य अतिथि आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो व बिशप बास्के दिन के 1.15 बजे स्मारिका और वर्ष 2023 के कैलेंडर का विमोचन करेंगे. पहले दिन के कार्यक्रम शाम 6.30 बजे समाप्त होंगे.