एसटी-एससी छात्रों को क्रेडिट गारंटी के बाद भी नहीं मिल रहा शिक्षा लोन
झारखंड के अनुसूचित जाति-जनजाति के विद्यार्थियों को क्रेडिट गारंटी रहने के बाद भी शिक्षा ऋण नहीं मिल रहा. विद्या लक्ष्मी पोर्टल पर सैकड़ों आवेदन लंबित हैं, जबकि बड़ी संख्या में आवेदनों को रिजेक्ट किया जा रहा है. इसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि गैर एसटी-एससी विद्यार्थियों को जहां इस वित्तीय वर्ष में 264.63 करोड़ रुपये का लोन दिया जा चुका है, वहीं एसटी-एससी छात्रों को 15.4 करोड़ रुपये ही लोन में मिले हैं.
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लोन एकाउंट की संख्या 5584
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राशि (करोड़ में) 311.16
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7.50 लाख तक सभी श्रेणी में दिया गया कुल शिक्षा ऋण
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लोन एकाउंट की संख्या 5196
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राशि (करोड़ में) 264.63
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एसटी-एससी को 7.50 लाख तक दिया गया शिक्षा ऋण
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लोन एकाउंट की संख्या 720
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राशि (करोड़ में) 15.4
रांची : झारखंड के अनुसूचित जाति-जनजाति के विद्यार्थियों को क्रेडिट गारंटी रहने के बाद भी शिक्षा ऋण नहीं मिल रहा. विद्या लक्ष्मी पोर्टल पर सैकड़ों आवेदन लंबित हैं, जबकि बड़ी संख्या में आवेदनों को रिजेक्ट किया जा रहा है. इसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि गैर एसटी-एससी विद्यार्थियों को जहां इस वित्तीय वर्ष में 264.63 करोड़ रुपये का लोन दिया जा चुका है, वहीं एसटी-एससी छात्रों को 15.4 करोड़ रुपये ही लोन में मिले हैं.
यह हाल तब है, जब सीएम एसएलबीसी बैठक के दौरान एसटी-एससी छात्रों को शिक्षा ऋण देने में बैंकों की आनाकानी पर नाराजगी जता चुके हैं. शिक्षा ऋण के मामले में निराशाजनक प्रगति को देखते हुए राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति ने भी बैंकों के इस रवैये पर नाराजगी जतायी थी. शिक्षा लोन लेने के लिए बैंकों ने ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान किया है. प्राप्त आंकड़ों के हिसाब से विद्या लक्ष्मी पोर्टल पर अभी भी इससे जुड़े करीब 1824 आवेदन लंबित हैं.
सरकार का भरोसा भी काम नहीं आया : भारतीय रिजर्व बैंक के प्रावधानों के तहत चार लाख तक शिक्षा ऋण में किसी भी तरह की सिक्यूरिटी गारंटी की जरूरत नहीं है. बैंकों के इसी रवैये को देखते हुए एससी-एसटी छात्रों के लिए 7.50 लाख तक के शिक्षा ऋण पर सरकार ने बैंकों को भरोसा दिया था. इस लिहाज से इस कर्ज को एक तरह से सीएनटी-एसपीटी एक्ट से मुक्त भी माना जाता है.