प्रदेश कांग्रेस राहत निगरानी समिति की बैठक, बोले वित्त मंत्री, कठोर फैसले ले सकती है सरकार
झारखंड प्रदेश कांग्रेस राहत निगरानी समिति की बैठक मंगलवार को कांग्रेस भवन में हुई. बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि यदि कोरोना महामारी के दौरान मनरेगा और खाद्य सुरक्षा कानून लागू नहीं होता, तो आज कितनी विकट स्थिति उत्पन्न होती
रांची : झारखंड प्रदेश कांग्रेस राहत निगरानी समिति की बैठक मंगलवार को कांग्रेस भवन में हुई. बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि यदि कोरोना महामारी के दौरान मनरेगा और खाद्य सुरक्षा कानून लागू नहीं होता, तो आज कितनी विकट स्थिति उत्पन्न होती. उन्होंने कहा कि दोनों ही योजनाएं आज देशवासियों के लिए वरदान साबित हुई है. यूपीए शासन में शुरू इन दोनों योजनाओं की सराहना पूरी दुनिया ने की.
इन्हीं दोनों योजनाओं से जब पूरी दुनिया आर्थिक मंदी की चपेट में थी, भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाये रखने में सफलता हासिल की. डाॅ उरांव ने कहा कि सोनिया गांधी की दूरदर्शी सोच का ही यह परिणाम है कि आपातकाल के इस संकट में खाद्य सुरक्षा कानून तथा मनरेगा इस देश को जीवंत रखा. वित्त मंत्री डाॅ उरांव ने कहा कि संकट के इस दौर में राज्य सरकार द्वारा राजस्व बढ़ाने को लेकर प्रोफेशनल्स टैक्स और अन्य मामलों में कई कठोर फैसले लिये जा सकते हैं.
मनरेगा और खाद्य सुरक्षा कानून से राहत : कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने बताया कि मनरेगा और खाद्य सुरक्षा कानून से कोरोना आपातकाल में बड़ी राहत मिली है. आज हर ओर पलायन की स्थिति है और राशन उपलब्ध कराये जाने की जरूरत है, ऐसी स्थिति में झारखंड सरकार इन दोनों योजनाओं की मदद से लोगों को लगातार सहायता उपलब्ध कराने में जुटी है.
कृषि एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि सरकार कृषि के क्षेत्र में विशेष रूप से ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रयास कर रही है. कृषि के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, जिसकी अनदेखी की गयी थी. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में अनलाॅक-वन में काफी रियायतों के साथ काम शुरू कर दिये गये हैं. बैठक में विधायक डाॅ इरफान अंसारी के साथ कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, निगरानी समिति के सदस्य आलोक दूबे, राजेश गुप्ता छोटू, लाल किशोरनाथ शाहदेव व सन्नी टोप्पो मौजूद थे.
posted by : Pritish Sahay