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केंद्र की तरफ से जल जीवन मिशन के तहत झारखंड को मिला 2479 करोड़, पिछले साल के मुकाबले 4 गुणा ज्यादा लेकिन मिला ये निर्देश

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्य को अनुदान में चार गुना वृद्धि को मंजूरी प्रदान करते हुए झारखंड को भरोसा दिया है कि राज्य में हर ग्रामीण घर में 2024 तक नल से शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए राज्य को हर संभव सहायता दी जायेगी. केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि काम में तेजी लायें.

Jal Jeevan Mission Grant for jharkhand रांची : हर घर में नल से शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए झारखंड को केंद्र 2479 करोड़ रुपये अनुदान में देगा. केंद्र सरकार ने झारखंड को जल जीवन मिशन के अंतर्गत 2021-22 के लिए अनुदान की राशि बढ़ा कर 2,479.88 करोड़ रुपये कर दी है. पिछले वर्ष अनुदान की यह राशि 572.24 करोड़ रुपये थी.

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्य को अनुदान में चार गुना वृद्धि को मंजूरी प्रदान करते हुए झारखंड को भरोसा दिया है कि राज्य में हर ग्रामीण घर में 2024 तक नल से शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए राज्य को हर संभव सहायता दी जायेगी. केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि काम में तेजी लायें.

13 फीसदी ग्रामीण परिवारों को ही मिल रहा नल का जल :

झारखंड में 29,752 गावों में रह रहे कुल 58.95 लाख परिवारों में से केवल 7.72 लाख ग्रामीण परिवारों (13%) को ही नल से जल की आपूर्ति हो पा रही है. 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय राज्य में 3.45 लाख ग्रामीण घरों (5.85%) में ही नल जल कनेक्शन था. 22 महीनों में झारखंड में 4.27 लाख (7.24%) ग्रामीण घरों तक नये नल जल कनेक्शन पहुंचाये गये. राज्य 2020-21 के दौरान केवल 2.99 लाख घरों में ही नये नल कनेक्शन उपलब्ध करा पाया.

खर्च नहीं होनेवाली राशि भी जोड़ी :

झारखंड के हर ग्रामीण घर में 2024 तक नल से शुद्ध पेय जल पहुंचाने के कार्य में सहयोग के लिए ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री शेखावत ने पिछले वित्त वर्ष के अंत में खर्च न हो पाये 137.93 करोड़ रुपये की राशि और राज्य के समतुल्य अंश के रूप में 2,617.81 करोड़ रुपये की राशि दी है. राज्य के पास इस मिशन के लिए 5,235.62 रुपये उपलब्ध हैं.

मंत्री श्री शेखावत ने आग्रह किया है कि नल जल कनेक्शन देने का काम हर गांव में शुरू कर दिया जाये. राज्य 2024 तक हर घर जल हो जाये. झारखंड में केवल 5,867 स्कूलों (14%) और मात्र 962 आंगनबाड़ी केंद्रों (2%) में ही नल से पेयजल की व्यवस्था है. इस पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार ने राज्य से कहा है कि बच्चों के स्वास्थ्य और साफ-सफाई के महत्व को देखते हुए अगले कुछ महीनों में सभी शेष स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और आश्रम-शालाओं में भी नल से पेयजल पहुंचाया जाये.

पानी जांच की व्यवस्था करने का भी निर्देश

केंद्र सरकार ने हर गांव में पांच महिलाओं को प्रशिक्षित करने, पेयजल स्रोत की जांच कराने, नियमित स्वच्छता सर्वेक्षण कराने और जल-जांच प्रयोगशाला खोलने का निर्देश दिया है. झारखंड में मौजूद कुल 33 जल जांच प्रयोगशालाओं में से केवल सात ही एनएबीएल से प्रमाणीकृत हैं. राज्य को प्रयोगशालाओं को भी और बेहतर बनाना होगा तथा ज्यादा से ज्यादा प्रयोगशालाओं को एनएबीएल प्रमाणीकरण दिलाने का प्रयास करना होगा.

झारखंड के 29,752 गावों में अभी केवल 23,882 ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियां ही मौजूद हैं . अब तक मात्र 2,986 ग्राम कार्य योजनाएं ही तैयार हो पायी है. 2021-22 में झारखंड ने 53 राज्य क्रियान्वयन एजेन्सीस को अनुबंधित करने की योजना बनायी है.

Posted By : Sameer Oraon

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