रांची. यूनियन बैंक के जोनल ऑफिस को पटना शिफ्ट करने की तैयारी पर राज्य सरकार ने कड़ा एतराज जताया है. वित्तीय वर्ष 2025-26 की शुरुआत में बैंक अपना कामकाज पटना से प्रारंभ करने की तैयारी में जुटा है. अप्रैल से रांची की जगह पटना जोनल ऑफिस से बैंक अपना प्रबंधन चलायेगा. इधर राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि केंद्र सरकार का यह रवैया पक्षपातपूर्ण है. झारखंड के साथ अन्याय हो रहा है. इस बैंक में राज्य का 17 हजार करोड़ रुपये जमा है. बैंक में झारखंड की जनता का पैसा जमा है. सरकार भी विचार करेगी कि ऐसे बैंक में डिपोजिट न हो.
वित्त मंत्री ने कहा- केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष दर्ज करायेंगे विरोध
वित्त मंत्री ने कहा कि इस मामले में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष अपना विरोध दर्ज करायेंगे. बैंक प्रबंधन को बताना होगा कि जोनल ऑफिस पटना ले जाने का क्या औचित्य है. बैंक के अधिकारियों से बात कर यह जानने का प्रयास होगा कि आखिर किसके आदेश और किन वजहों से जोनल ऑफिस स्थानांतरित किया जा रहा है. वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक प्रबंधन बताये कि बैंकिंग में क्या परेशानी है. कोई सुरक्षा का मसला है या फिर बैंक के कारोबार में यहां कमी आयी है. उन्होंने कहा कि व्यावसायिक दृष्टिकोण से देखा जाये, तो झारखंड में ज्यादा संभावनाएं हैं. झारखंड में उद्योग-व्यापार अधिक है. वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्रों को भी अपने कामकाज में सुधार लाना चाहिए. झारखंड सरकार के बार-बार आग्रह के बावजूद बैंकिंग सेक्टर आम लोगों की सहूलियत और आर्थिक सबलता के लिए काम नहीं कर रहे हैं.
रक्षा राज्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री को लिखा पत्र
केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने यूनियन बैंक के जोनल ऑफिस को पटना शिफ्ट करने से रोकने की पहल की है. श्री सेठ ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को पत्र लिखा है. इसमें कहा है कि बैंक के जोनल कार्यालय को पटना ले जाने के निर्णय पर विचार हो. इससे रांची सहित झारखंड के व्यावसायिक कार्यों में परेशानी होगी. रांची में बैंक का जोनल कार्यालय पिछले सात वर्षों से चल रहा है. झारखंड में बैंकिंग के बेहतर अवसर हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है