त्रिकूट पर्वत रोपवे हादसे की जांच रिपोर्ट पर निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार ने लिया समय
झारखंड हाइकोर्ट ने 2022 में देवघर के त्रिकूट पर्वत रोपवे हादसे में तीन पर्यटकों की मौत की घटना को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता के आग्रह को स्वीकार कर लिया.
रांची (वरीय संवाददाता). झारखंड हाइकोर्ट ने 2022 में देवघर के त्रिकूट पर्वत रोपवे हादसे में तीन पर्यटकों की मौत की घटना को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता के आग्रह को स्वीकार कर लिया. खंडपीठ ने समिति की जांच रिपोर्ट पर निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार को समय प्रदान किया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने जून माह की तिथि निर्धारित करने को कहा. इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखते हुए जांच रिपोर्ट पर निर्णय लेने के लिए समय देने का आग्रह किया. उन्होंने बताया कि जिन अधिकारियों को निर्णय लेना है, वह लोकसभा चुनाव कार्य में व्यस्त हैं. इसलिए त्रिकूट पर्वत रोपवे हादसे की जांच रिपोर्ट पर निर्णय के लिए सरकार को और समय देने दिया जाये, जिसे खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया. एमीकस क्यूरी अधिवक्ता कुमार वैभव ने पक्ष रखा, जबकि सिंफर की ओर से अधिवक्ता अभय प्रकाश ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2022 में देवघर स्थित त्रिकुट पर्वत रोपवे हादसा हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गयी थी. मामले को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि त्रिकूट पर्वत पर रोपवे का संचालन करनेवाली एजेंसी दामोदर रोपवे इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को शो कॉज नोटिस किया गया था कि क्यों नहीं उसे काली सूची में डाल दिया जाये. रोपवे का संचालन करनेवाली एजेंसी को जांच में दोषी पाया गया है. सरकार की ओर से उसकी जिम्मेदारी तय की जा रही है.
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