ईडी के गवाह का बयान दर्ज, कहा- पूजा सिंघल व अभिषेक झा ने पल्स अस्पताल बनाने के लिए कैश व चेक से दिये थे पैसे
निलंबित आईएएस पूजा सिंघल से जुड़े अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के गवाह अक्षत कटियार का बयान कोर्ट में दर्ज हुआ है. अक्षत ने अपने बयान में कोर्ट को बताया कि बिल्डिंग निर्माण के लिए उन्हें सभी पैसों का भुगतान पूजा सिंघल व उनके पति अभिषेक झा ने कैश और चेक के माध्यम से किया है.
Jharkhand News: निलंबित आइएएस पूजा सिंघल से जुड़े अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के गवाह अक्षत कटियार का बयान कोर्ट में दर्ज कराया गया. अक्षत कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक हैं. उन्होंने पूजा सिंघल और उनके पति द्वारा चलाये जा रहे पल्स अस्पताल की बिल्डिंग का निर्माण कार्य किया है. अक्षत ने अपने बयान में कोर्ट को बताया कि बिल्डिंग निर्माण के लिए उन्हें सभी पैसों का भुगतान पूजा सिंघल व उनके पति अभिषेक झा ने कैश और चेक के माध्यम से किया है. ईडी की ओर से बयान दर्ज होने के बाद पूजा सिंघल के अधिवक्ता अक्षत का प्रति परीक्षण करेंगेे. सुनवाई के दौरान रिम्स में भर्ती पूजा सिंघल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अदालत के समक्ष उपस्थित हुई. मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी.
पीपी की जमानत पर सुनवाई कल, विष्णु अग्रवाल की जमानत मामले की सुनवाई भी टली
दूसरी ओर, सेना के कब्जे वाली जमीन घोटाले मामले के आरोपी प्रेम प्रकाश (पीपी) की ओर से दायर जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होगी. पीपी की ओर से सोमवार को जमानत याचिका दाखिल की गयी थी, जिस पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी. लेकिन ईडी के विशेष न्यायाधीश के अवकाश पर रहने के कारण मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी. कोर्ट ने सुनवाई के लिए गुरुवार की तिथि निर्धारित की है. पीपी अवैध खनन के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग करने के मामले में आरोपी हैं. बाद में जमीन घोटाला में भी इडी ने उसे आरोपी बनाते हुए आरोप पत्र दाखिल किया है. इधर, विष्णु अग्रवाल की जमानत मामले की सुनवाई भी मंगलवार को टल गयी. इस मामले की सुनवाई अब बुधवार काे हाेगी.
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टेरर फंडिंग मामले में आरोपियों की याचिका पर बहस जारी
वहीं, झारखंड हाइकोर्ट ने चतरा के टंडवा स्थित मगध व आम्रपाली कोल परियोजना से जुड़े टेरर फंडिंग मामले में आरोपियों की ओर से दायर अपील याचिकाओं पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी व नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) का पक्ष सुना. मामले में बहस जारी रही. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 26 सितंबर की तिथि निर्धारित की.
17 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर
इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता विकास पाहवा, वरीय अधिवक्ता मनिंदर सिंह, अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, ऋषभ कुमार ने पैरवी की. उन्होंने बताया कि यह टेरर फंडिंग का मामला नहीं है, बल्कि रंगदारी का मामला है. इस मामले में प्रार्थी पीड़ित है, लेकिन इन्हें आरोपी बना दिया गया है. मामले में बहस अधूरी रही. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी आधुनिक पावर कंपनी के तत्कालीन एमडी महेश अग्रवाल, अमित अग्रवाल उर्फ सोनू अग्रवाल व अजय कुमार सिंह ने अलग-अलग याचिका दायर की है. उन्होंने निचली अदालत द्वारा डिस्चार्ज पिटीशन खारिज करने के आदेश को चुनाैती दी है. टेरर फंडिंग मामले की सुनवाई एनआइए की विशेष अदालत में चल रही है. टंडवा थाना में दर्ज प्राथमिकी को एनआईए की ओर से फरवरी 2018 में टेकओवर किया गया था. मामले के अनुसंधान के बाद एनआईए ने 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.