Stem Lab In Jharkhand : मॉडल स्कूल बनाने की दिशा में दूसरा कदम, स्टेम लैब देगा झारखंड के होनहार विद्यार्थियों को उड़ान, जानें इसकी खासियत
स्टेम लैब झारखंड के सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाने की दिशा में राज्य सरकार का दूसरा कदम है. सरकार का मानना है कि स्टेम लैब में बच्चे साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथेमेटिक्स की बारीकियां जानेंगे.
stem lab in jharkhand, stem lab education in jharkhand, रांची : सरकारी स्कूलों के बच्चे ‘स्टेम एजुकेशन सिस्टम’ ( Stem education system ) के जरिये अब अपनी कल्पनाओं को उड़ान दे पायेंगे. ‘स्टेम’ शब्द साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथेमेटिक्स के पहले अक्षरों को मिला कर बना है. यानी यह परियोजना विशेष रूप से उन बच्चों पर केंद्रित है, जिनकी रुचि उक्त विषयों में है. राज्य सरकार के निर्देश पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत रांची जिले के पांच प्रखंडों के सरकारी स्कूलों में ‘स्टेम लैब’ स्थापित किये जा रहे हैं.
स्टेम लैब झारखंड के सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाने की दिशा में राज्य सरकार का दूसरा कदम है. सरकार का मानना है कि स्टेम लैब में बच्चे साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथेमेटिक्स की बारीकियां जानेंगे.
यह लैब संबंधित प्रखंडों के सभी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए होगा. प्रोजेक्ट के सकारात्मक परिणाम आने के बाद राज्य के सभी प्रखंडों में समान रूप से स्टेम लैब की स्थापना की योजना है.
स्टेम एजुकेशन पारंपरिक शिक्षण पद्धति से अलग :
भारत में पारंपरिक शिक्षा प्रणाली अब भी पुस्तकों पर केंद्रित है, जबकि ‘स्टेम एजुकेशन सिस्टम’ पारंपरिक शिक्षण पद्धति से बिल्कुल अलग है. कई विकसित और विकासशील देशों में इसका इस्तेमाल सफलतापूर्वक किया जा रहा है. इसमें विद्यार्थियों की योग्यता और रुचि के अनुसार उन्हें रोचक तरीके से विज्ञान, तकनीक तथा गणित की शिक्षा दी जाती है.
साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथेमेटिक्स
में रुचि लेनेवाले बच्चों के लिए सरकार की पहल
रांची जिले के पांच प्रखंडों के सरकारी स्कूलों में बनाये गये स्टेम लैब
संबंधित प्रखंड के सभी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए होगा यह लैब
इन उपकरणों और मॉडलों से तैयार होता है स्टेम लैब
स्टेम लैब में पाठ्यक्रम में शामिल विषयों से संबंधित उपकरण लगाये गये हैं. इनमें पिनहोल कैमरा, एलइडी-आधारित हार्ट, आइ मॉडल, इन्फिनिटी वॉल, ध्वनि यंत्र, सोलर सिस्टम, सौर ऊर्जा प्रणाली, हाइड्रो टर्बाइन, मोटर मॉडल, सेंसर सेटअप, जेनरेटर, न्यूटन के गति के नियम, जैव विविधता, रोबोट, प्रोजेक्टर, टैब, इंटरएक्टिव कम्प्यूटिंग डिवाइस आदि के मॉडल शामिल हैं.
Posted By : Sameer Oraon