-
समिति ने दूसरे राज्यों में लागू भत्ता व राज्य के अन्य पुलिसकर्मियों को मिलनेवाली सुविधाओं का किया तुलनात्मक अध्ययन
-
सातवें वेतनमान के हिसाब से 40 प्रतिशत एसटीएफ भत्ता या 25 हजार इसमें से जो कम हो, वही देने की अनुशंसा की है
STF Jharkhand Allowance रांची : राजस्व पर्षद सदस्य एपी सिंह की अध्यक्षतावाली समिति ने एसटीएफ भत्ता की अधिकतम सीमा 25 हजार रुपये तय करने की अनुशंसा की है. समिति ने दूसरे राज्यों में लागू भत्ता के अलावा राज्य के अन्य पुलिसकर्मियों को मिलनेवाली सुविधाओं का तुलनात्मक अध्ययन करने के बाद सातवें वेतनमान के हिसाब से 40 प्रतिशत एसटीएफ भत्ता या 25 हजार इसमें से जो कम हो, वही देने की अनुशंसा की है.
साथ ही सरकारी नियमों का उल्लंघन करनेवाले अधिकारियों के खिलाफ सरकार से उचित निर्णय लेने की भी अनुशंसा की है. सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार में सातवें वेतनमान के आलोक में 40 प्रतिशत (ऑपरेशनल के लिए) और 20 प्रतिशत (नन ऑपरेशनल) के लिए निर्धारित किया है. ओड़िशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में स्पेशल टास्क फोर्स का भत्ता सातवें वेतनमान के आलोक में पुनरीक्षित नहीं किया गया है.
समिति ने अध्ययन के बाद सरकार को भेजी अनुशंसा में गृह विभाग द्वारा एसटीएफ के गठन के लिए वर्ष 2008 में जारी आदेश का सख्ती से अनुपालन करने को आवश्यक करार दिया है. एसटीएफ में डीआइजी, आइजी, एसपी, डीएसपी, परिचारी प्रवर, पुलिस इंस्पेक्टर, परिचारी, एसआइ, एसआइ (आशु), एएसआइ, हवलदार और सिपाही के पदों पर प्रतिनियुक्त लोगों को ही भत्ता देने की अनुशंसा की है. इन पदों पर झारखंड कैडर के पदस्थापित अधिकारियों को प्रतिनियुक्त नहीं माना जायेगा और न ही उन्हें एसटीएफ भत्ता देय होगा.
वैसे पदाधिकारी जो एक से ज्यादा प्रभार में हैं, उन्हें भी एसटीएफ भत्ता नहीं मिलेगा. एसटीएफ में प्रतिनियुक्त किये जानेवाले डीएसपी से एएसआइ तक के पुलिस अधिकारियों को वर्दी भत्ता के रूप में 9000 रुपये और हवलदार व सिपाही को 8000 रुपये देय होगा. समिति ने एसटीएफ को बिहार की तर्ज पर बहुद्देशीय बनाने का सुझाव दिया है.
Posted By : Sameer Oraon