Loading election data...

झारखंड में ‘पानी रोको पौधा रोपो’ अभियान की शुरुआत, गांव का पानी गांव में व खेत का पानी खेत में रखने पर जोर

खूंटी के गुनी गांव से ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने पानी रोको पौधा रोपो अभियान की सोमवार को शुरुआत की. अभियान की शुरुआत करते हुए मंत्री श्री आलम ने कहा कि बड़ी आबादी को रोजगार तथा जल (Water) एवं मृदा संरक्षण (soil Conservation) कार्यों से गांव का पानी गांव में एवं खेत का पानी खेत में रखने के उद्देश्य को पूरा किया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2020 6:47 PM

रांची : झारखंड की हेमंत सरकार की ग्रामीण क्षेत्र की तीन महत्वपूर्ण योजना के तहत पानी रोको पौधा रोपा अभियान की शुरूआत हुई. खूंटी के गुनी गांव से ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने पानी रोको पौधा रोपो अभियान की सोमवार को शुरुअात की. अभियान की शुरुआत करते हुए मंत्री श्री आलम ने कहा कि बड़ी आबादी को रोजगार तथा जल (Water) एवं मृदा संरक्षण (soil Conservation) कार्यों से गांव का पानी गांव में एवं खेत का पानी खेत में रखने के उद्देश्य को पूरा किया जायेगा. मौके पर JSLPLS की दीदियों ने मंत्री सहित अन्य अतिथियों का सांस्कृतिक स्वागत गान के साथ अभिनंदन किया.

हर दिन 10 लाख मानव दिवस सृजन करने का लक्ष्य

खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड अंतर्गत घुंसुली पंचायत के गुनी गांव से सोमवार को पानी रोको पौधा रोपो अभियान की शुरुआत करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि ग्रामीणों की संगठित ऊर्जा को देखते हुए निश्चित ही अब विकास का पथ प्रशस्त होगा. हर स्तर पर आमजनों को लाभान्वित करना सरकार का उद्देश्य है.

Also Read: सीएम हेमंत सोरेन ने उद्योग व कॉरपोरेट घरानों से क्या की अपील, जानिए

इन योजनाओं के माध्यम से राज्य में प्रतिदिन 10 लाख मानव दिवस के सृजन के साथ- साथ जल (Water) एवं मृदा संरक्षण (soil Conservation) कार्यों को भी अमल में लाया जायेगा, जिससे जहां एक ओर हम बड़ी आबादी को रोजगार दे सकेंगे, तो वहीं दूसरी ओर जल एवं मृदा संरक्षण कार्यों से गांव का पानी गांव में एवं खेत का पानी खेत में ही रोकने में सफल होंगे. साथ ही जिले के हर गांव एवं टोलों में वर्षा जल का संरक्षण कर भूजल को रिचार्ज करने में सफल हो सकेंगे.

टोलों में 5 योजनाएं संचालित हो

श्री आलम ने कहा कि पंचायत में औसतन 200 हेक्टेयर (500 एकड़) अपलेंड पर टीसीबी फिल्ड बंडिंग का कार्य इस वित्तीय वर्ष में किया जाना है. इस अभियान के अंतर्गत प्रत्येक गांव एवं टोलों में कम से कम 5 योजनाएं संचालित किया जाना है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों व जिलों में फंसे प्रवासी मजदूर अपने गृह जिले वापस आ रहे हैं. इसके तहत सरकार द्वारा चरणबद्ध तरीके से प्रत्येक कार्यों का क्रियान्वयन किया जा रहा है.

ग्रामीणों को मिलेगा सीधा लाभ

उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को निश्चित ही इस प्रयास से सीधा लाभ मिलेगा. हम अपने गांव और अपने श्रम से आत्मनिर्भर जीवन की ओर कदम बढ़ायेंगे. खूंटी जिला के ग्रामीणों का यह उत्साह देखकर प्रतीत होता है कि विकास की गति अब नहीं रुकेगी. साथ ही खूंटी जिला पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण बन कर उभरेगा. उन्होंने इन कार्यों की सफलता के लिए जिला प्रशासन और सखी मंडल की दीदियों के साथ- साथ लोगों की भी सराहना की है.

Also Read: जल संसाधन विभाग में पिछले तीन साल के सभी टेंडर की होगी जांच, मुख्यमंत्री हेमंत ने दिये आदेश

लोगों के जागरूक होने से योजनाओं का लाभ मिलेगा : मनरेगा आयुक्त

मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि अगर हर व्यक्ति अपने स्तर से जागरूक बनें, तो इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ संभव है. गुनी गांव के ग्रामीणों की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रगति तब होगी जब हम सब मिलकर अपने श्रम से इसे संभव करें. मनरेगा के तहत संचालित इन योजनाओं का उद्देश्य वर्षा जल के बहाव को कम करना, वर्षा जल का संचय, जमीन में नमी की मात्रा बढ़ाना, जल संरक्षण की विभिन्न संरचनाओं का निर्माण जैसे टीसीबी, मेढ़बंदी, LBS, सोखता गड्ढा, नाला जीर्णोद्धार व फलदार वृक्षारोपण आदि को धरातल पर सही रूप में उतारना है.

सखी मंडल की दीदियों ने लोगों को जागरूक बनने की दिखायी राह

जेएसएलपीएस संपोषित सखी मंडल की दीदियों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए श्री त्रिपाठी ने कहा कि दीदियों ने ग्रामीणों को अपने हित के लिए जागरूक बनने की राह दिखायी है. गांवों को नशामुक्त करने से लेकर लॉकडाउन के दौरान गरीबों की मदद करने में अहम भूमिका निभायी है.

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह योजना सहायक सिद्ध होगा

श्री त्रिपाठी ने कहा कि आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह कार्य निश्चित ही विकास को एक नयी गति प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा. उन्होंने कहा कि सतत विकास के उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में इन योजनाओं की शुरुआत की जा रही है. जल ही जीवन है के विचारों को आत्मसात करते हुए हमें इसका सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है, जिससे हर व्यक्ति स्वावलंबन और आत्मविश्वास हो सके.

Also Read: वर्ल्ड मिल्क डे विशेष: दुग्ध उत्पादन से समृद्ध हो रहे झारखंड के बुढ़मू प्रखंड के किसान

गांव- गांव तक आत्मनिर्भर जीवन का मिलेगा संदेश : सूरज कुमार

खूंटी जिले के उपायुक्त (DC) सूरज कुमार ने कहा कोविड-19 महामारी से बचाव की दिशा में हर संभव प्रयास किये गये हैं. सरकार द्वारा लायी गयी इन महत्वकांक्षी योजनाओं को निश्चित ही सफल रूप प्रदान किया जायेगा. पानी रोको पौधा रोपा अभियान की शुरुअात खूंटी जिले से होने से यह अभियान गांव- गांव तक आत्मनिर्भर जीवन का संदेश देने में सहायक सिद्ध होगा.

जिले में 4,817 प्रवासी मजदूरों की हो चुकी है वापसी

उपायुक्त श्री कुमार ने कहा कि अब तक जिले में 4,817 प्रवासी मजदूर आ चुके हैं, जिनमें 548 का मनरेगा जॉब कार्ड है तथा कुल 507 प्रवासी मजदूरों का नया जॉब कार्ड जारी किया गया है. साथ ही 14 दिन की कोरेंटिन अवधि को पूरा करते हुए कुल 119 प्रवासी मजदूर मनरेगा के तहत कार्य भी कर रहे हैं. हर महीने निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में कार्य करने के लिए हम अग्रसर हैं, ताकि हर व्यक्ति को इसका सीधा लाभ पहुंचाया जा सके.

डेडिकेटेड एग्रीकल्चर कंट्रोल रूम से किसानों को मिल रहा लाभ

एक अनोखी पहल के बारे में उपायुक्त श्री कुमार ने कहा कि जिला स्तरीय डेडिकेटेड एग्रीकल्चर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. इस कंट्रोल रूम के तहत जिले के किसानों से प्राप्त सभी तरह की शिकायतों/ समस्याओं को पंजीकृत किया जा रहा है. साथ ही उन शिकायतों का 16 घंटे के भीतर समाधान करने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं. अब तक इसका सीधा लाभ किसानों को उपलब्ध कराया जा चुका है.

इस दौरान मंत्री श्री आलम एवं मनरेगा आयुक्त श्री त्रिपाठी सहित जिले के पदाधिकारियों एवं ग्रामीणों द्वारा जल संरक्षण के विभिन्न संरचनाओं के निर्माण की दिशा में तेजी लाने के उद्देश्य से श्रमदान किया गया. साथ ही पौधरोपण कर जल संरक्षण व पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया.

प्रखंड सहित सभी पंचायतों में इस अभियान की शुरुआत

पानी रोको पौधा रोपो अभियान को सफल बनाने के लिए राज्य के सभी प्रखंड व पंचायतों में भी इसकी शुरुआत हुई. साथ ही पंचायतवार लक्ष्य की अभिप्राप्ति के लिए इस अभियान की नियमित निगरानी एवं देखभाल संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशानिर्देश भी दिया गया. इस अवसर पर अपर मनरेगा आयुक्त मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक (SP) आशुतोष शेखर, उप विकास आयुक्त (DDC), अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.

Posted By : Samir ranjan.

Next Article

Exit mobile version