सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय नक्सलियों पर कार्रवाई करने की बनी रणनीति
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित बैठक में प्रभावित राज्यों के वरीय पुलिस अफसरों के साथ डीजीपी ने भाग लिया
वरीय संवाददाता, रांची. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा वामपंथी उग्रवाद की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में सोमवार को सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय नक्सलियों पर प्रभावी कार्रवाई करने की रणनीति बनायी गयी. इसमें ससमय सूचना का आदान-प्रदान करने, सीमावर्ती राज्यों के वरीय पदाधिकारियों के साथ समय-समय पर समन्वय स्थापित कर नक्सलवाद पर संयुक्त अभियान चलाने व तत्काल सुदृढ़ कार्रवाई करने की भी रूपरेखा बनायी गयी. साथ ही उग्रवाद प्रभावित राज्यों के बीच समन्वय पर जोर दिया गया. बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई. इसमें डीजीपी अनुराग गुप्ता सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया. बैठक में डीजीपी ने प्राप्त सूचना को ससमय साझा करने और नोडल पदाधिकारी की नियुक्ति करने की जरूरत बतायी. कहा कि बैठक में वामपंथी उग्रवाद को लेकर की जा रही कार्रवाई, सीमावर्ती क्षेत्रों में उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर आपसी सहयोग, सीमावर्ती क्षेत्रों में नक्सलियों की गतिविधियों पर नकेल कसने व सभी स्तरों पर अंतरराज्यीय समन्वय बैठकों के लिए पुलिस तंत्र की कार्य योजना की रूपरेखा पर चर्चा की. वहीं आइजी अभियान अमोल वीणुकांत होमकर ने झारखंड के सभी सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय नक्सली गतिविधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए ससमय सूचना के आदान-प्रदान पर बल दिया. साथ ही झारखंड के सीमावर्ती राज्यों ओडिशा व छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सली दस्तों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियानों के दौरान समन्वय स्थापित कर अभियान चलाने पर जोर दिया. बैठक में एडीजी अभियान संजय आनंदराव लाठकर, आइबी के संयुक्त उप निदेशक उत्कर्ष प्रसून, विशेष शाखा के डीआइजी कार्तिक एस के अलावा नक्सल प्रभावित राज्यों के वरीय पुलिस पदाधिकारियों ने भाग लिया.
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