एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटी को छात्र जीवन की रीढ़ माना गया है. स्कूल हो या कॉलेज लाइफ विद्यार्थी अतिरिक्त गतिविधियों से जुड़ते हैं. कहा जाता है कि गैर शैक्षणिक गतिविधियां विद्यार्थियों को बेहतर सामाजिक कौशल, क्रिटिकल थिंकिंग और टीमवर्क सीखने का मौका देती हैं. इससे विद्यार्थी मानसिक तनाव से दूर रहते हैं. साथ ही सह-पाठयक्रम अभ्यास में रुचि लेने पर मूल्यांकन में भी वृद्धि होती है. यही कारण है कि राजधानी के तकनीकी व गैर-तकनीकी संस्थानों में लगातार स्टूडेंट क्लब को बढ़ावा दिया जा रहा है. इनसे जुड़े हजारों विद्यार्थी अपनी रचनात्मक सोच को बढ़ावा दे रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इन क्लब के माध्यम से विद्यार्थियों में सेल्फ लर्निंग कैपेसिटी बढ़ती है, जो भविष्य में उन्हें नेतृत्वकर्ता के रूप में तैयार करती है.
शैक्षणिक संस्थानों में दो तरह के स्टूडेंट क्लब संचालित हो रहे हैं, जिसमें एक तकनीकी और दूसरा गैर-तकनीकी (कल्चरल) क्लब शामिल हैं. इनका उद्देश्य विद्यार्थियों के आइडिया को विकसित कर उसे बेहतर मंच देना है. तकनीकी स्टूडेंट क्लब से जुड़ने वाले विद्यार्थियों को शैक्षणिक जिज्ञासा को बढ़ावा देने का मौका मिलता है. विद्यार्थी अपनी सोच को धरातल पर उतारने के लिए विभिन्न गतिविधियां करते हैं. वहीं गैर-तकनीकी स्टूडेंट क्लब मूल रूप से विद्यार्थियों की साहित्यिक और कलात्मक क्षमता को पेश करने का बेहतर अवसर देता है.
स्टूडेंट क्लब एकेडमिक करिकुलम के अतिरिक्त विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य प्राप्त करने और शौक पूरा करने में अहम भूमिका निभाते हैं. जैसे यदि इंजीनियरिंग का छात्र म्यूजिक का शौक रखता है, तो वह कॉलेज बैंड ज्वाइन कर सकता है. इसके अलावा अन्य एक्टिविटीज में भी हिस्सा लेकर अपनी स्किल को विकसित कर सकता है. इसका सकारात्मक असर विद्यार्थी के रिज्यूम पर पड़ता है. इससे भविष्य में उन्हें मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब हासिल करने में मदद मिलती है. एक्स्ट्रा-करीकुलर एक्टिविटीज स्टूडेंट्स के कौशल विकास के साथ-साथ फील्ड में क्रिएटिव बनने में काफी मददगार है. इससे विद्यार्थी अपनी प्रोफेशनल लाइफ को बेहतर बना सकते हैं.
क्लब के कार्यक्रम ग्रुप एक्टिविटीज से जुड़ने का अवसर देते हैं. विद्यार्थी शौक या पसंद के अनुसार इससे जुड़ते हैं और आपस में मिल-जुलकर प्रोजेक्ट पूरा करते हैं. चाहे वह स्पोर्ट्स इवेंट हों या टेक्निकल. इसमें टीम के साथ मिलकर आइडिया विकसित किया जाता है. इस दौरान विद्यार्थी अपने कौशल को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने की कोशिश करते हैं. टेक्निकल इवेंट से आपसी वार्ता की क्षमता विकसित होती है, जिससे टीम-स्पिरिट यानी दूसरों के साथ मिलकर काम करना आसान होता है.
शैक्षणिक सत्र के दौरान विभिन्न स्टूडेंट क्लब को विभिन्न गतिविधियों के आयोजन की जिम्मेदारी मिलती है. इस दौरान विद्यार्थी टाइम मैनेजमेंट सीखकर अपने कार्यक्रम व प्रोजेक्ट पूरा करते हैं. किताबों में खोये रहनेवाले स्टूडेंट्स इन गतिविधियों से अलग-अलग टास्क पूरा करने की कला सीखते हैं. उदाहरण के तौर पर कल्चरल क्लब से जुड़े विद्यार्थी को अपनी कलात्मक क्षमता का प्रदर्शन का मौका दिया जाता है और साथ ही कोर्स से जुड़े प्रोजेक्ट भी पूरे करने पड़ते हैं. इस तरह दोनों ही काम में सामंजस्य स्थापित कर उसे पूरा करने की क्षमता विकसित होती है.
बीआइटी मेसरा में 34 स्टूडेंट क्लब का संचालन हो रहा है. इसमें कल्चरल और टेक्निकल स्टूडेंट क्लब शामिल हैं. प्रत्येक क्लब के संचालन के लिए एक फैकल्टी एडवाइजर की नियुक्ति की गयी है, जो विद्यार्थियों के आइडिया को विकसित करने में अहम भूमिका निभाते हैं. संस्था के डीन क्लब एक्टिविटी डॉ योगेंद्र अग्रवाल ने बताया कि प्रत्येक क्लब को शैक्षणिक सत्र में चार गतिविधियों के संचालन की जिम्मेदारी दी जाती है. इसमें दो वार्षिक कार्यक्रम पैंथियन (टेक्निकल इवेंट) और बीटोत्सव (कल्चरल इवेंट) शामिल है.
बीआइटी मेसरा के तकनीकी क्लब में मुख्य रूप से चार स्टूडेंट क्लब शामिल हैं. इनमें रोबोल्यूशन रोबोटिक्स पर काम करता है. वहीं आइइइइ क्लब सर्किट डिजाइन के साथ हार्डवेयर तैयार करने में मददगार है. एसीएम क्लब विद्यार्थियों का कोडिंग समूह है, तो आइइटीइ या आइइटी से जुड़े विद्यार्थी हाइब्रिड काम करते है. इस क्लब से जुड़नेवाले विद्यार्थी सामंजस्य स्थापित कर हार्डवेयर और कोडिंग का काम मिलकर करते हैं और नयी तकनीक विकसित करते हैं. वहीं ऑटोमोबाइल क्लब – फायरबोल्ट, सृजन और एवियॉन भी संचालित हैं. फायरबोल्ट से जुड़े विद्यार्थी ऑल टेरेन व्हीकल (एटीवी) यानी बग्घी तैयार करते हैं. विद्यार्थियों का यह समूह प्रत्येक वर्ष बग्घी का नया मॉडल बनाता है और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता बाहा साइ इंडिया में प्रतिनिधित्व करता है. वहीं, टीम सृजन और एवियॉन सोलर, इलेक्ट्रिक व्हीकल और हाइब्रिड गाड़ी तैयार करते हैं. साथ ही वैसे विद्यार्थी जो म्यूजिक, डांस, एक्टिंग व साहित्य में रुचि रखते हैं, उनके लिए संस्था में ध्वनि म्यूजिक क्लब, डांस क्लब रिदम और ड्रामेटिक सोसाइटी अहसास का संचालन किया जा रहा है. वहीं, स्टूडेंट क्लब लियो, रोट्रैक्ट और इनवायरनमेंटल प्रोटेक्शन (इपीएसी) जैसे क्लब सामाजिक जिम्मेदारी व पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्यक्रम को नियमित रूप से पूरा करते हैं.
एक्सआइएसएस रांची में आठ स्टूडेंट क्लब और चार डिपार्टमेंटल क्लब का संचालन हो रहा है. इन स्टूडेंट क्लब से पीजीडीएम एचआरएम, फाइनांस, मार्केटिंग और रूरल मैनेजमेंट के सैकड़ों विद्यार्थी जुड़े हुए हैं. प्रबंधन के विद्यार्थियों के लिए पर्सनल रिलेशन से लेकर इवेंट मैनेजमेंट ग्रुप तैयार किये गये हैं. इनमें मुख्य रूप से ऑप्सक्यूरा (पर्सनल रिलेशन ग्रुप), पल्स (डांस क्लब), आवाज (एक्टिंग क्लब), मैक्सिस (सिंगिंग क्लब), रोट्रैक्ट (सोशल सर्विस), एम्बार्क (मैनेजमेंट क्लब), क्रिटजिक (नेतृत्वकर्ता) शामिल हैं. वहीं कास्क ग्रुप शैक्षणिक सत्र के दौरान विभिन्न गतिविधियों को पूरा करने में मदद करता है. इन स्टूडेंट्स क्लब से जुड़े विद्यार्थी फ्यूचर लीडर बनाने के साथ-साथ अपनी कलात्मक क्षमता को लगातार मंच पर पेश करते हैं.
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