अगले बजट में होगी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की व्यवस्था, सीएम हेमंत सोरेन दिया ये निर्देश
सीएम हेमंत सोरेन ने अगले बजट में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कल विभागवार बजट के विरुद्ध खर्च राशि, योजना बजट के विरुद्ध निर्गत स्वीकृति आदेश और व्यय की समीक्षा की.
Jharkhand News, Ranchi News रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अगले बजट में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. साथ ही पौधा लगाने से लेकर सभी छोटे-बड़े कार्यों में संबंधित फोटोग्राफ और जियो टैगिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. उन्होंने अधिकारियों को छात्रावास निर्माण की जानकारी भी देने के लिए कहा.
सीएम ने सोमवार को बैठक में विभागवार बजट के विरुद्ध खर्च राशि, योजना बजट के विरुद्ध निर्गत स्वीकृति आदेश और व्यय की समीक्षा की. मौके पर उनके अलावा सीएस सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, सीएम के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, अपर मुख्य सचिव एल खिंग्याते और मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे समेत विभिन्न विभागों के सचिव उपस्थित थे.
2022-23 बजट की तैयारी पर जोर :
सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण काम बाधित होने का असर कुछ विभागों के कार्यों में दिखा है. अब हमें 2022-23 बजट की तैयारी करनी है. इस बार खर्च को बढ़ाने के साथ संसाधन जुटाने पर जोर है. राज्य के बेनिफिशियरी ओरिएंटेड स्कीम के लिए भी पैसे की जरूरत होगी. इसे लेकर राजस्व संग्रह से संबंधित विभाग ध्यान दें.
ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई के गैप को पाटा जाये :
मौके पर सीएम ने मॉडल स्कूल की कार्यप्रगति की जानकारी देने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि संक्रमण काल में स्कूल बंद होने से ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई में बड़ा गैप बन गया है, जिसे पाटने की जरूरत है. निर्मित हो रहे महिला महाविद्यालय को जल्द पूरा करायें. वर्तमान में संचालित महिला महाविद्यालयों का जीर्णोद्धार करें.
पथ निर्माण की गुणवत्ता पर ध्यान दें :
मौके पर सीएम ने कहा कि ग्रामीण कार्य और पथ निर्माण विभाग पथ निर्माण को लेकर समन्वय बनाकर कार्य करें. शहर में सौंदर्यीकरण के कार्य व्यवस्थित ढंग से हों. साथ ही शहर के कुछ क्षेत्रों को सुरक्षित जोन घोषित करने और खराब हो चुके सीसीटीवी को दुरुस्त करने का निर्देश दिया. सीएम ने कहा कि सौर ऊर्जा पर झारखंड में भी कार्य शुरू करें. छोटे स्तर पर इसकी शुरुआत करें. सिंचाई के क्षेत्र में छोटे पैमाने पर इसका उपयोग हो रहा है. अब लघु सिंचाई पर भी विभाग ध्यान केंद्रित करें. शहरी क्षेत्र में भी चेक डैम का निर्माण करने के साथ इस पर पॉलिसी बनायें.
Posted By : Sameer Oraon