रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के बीच भारत लौटे इंजीनियरिंग, मेडिकल सहित अन्य कोर्स के विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए अवसर मुहैया कराया गया है. भारत लौटे विद्यार्थी अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं. ऐसे प्रभावित विद्यार्थी चाहते हैं, तो वे राज्य के विवि अंतर्गत संस्थानों में लेटरल इंट्री के तहत नामांकन ले सकते हैं. केंद्र के निर्देश पर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) के सलाहकार डॉ रमेश उन्नीकृष्णन ने झारखंड यूनिवर्सिटी अॉफ टेक्नोलॉजी सहित अन्य विवि के कुलपति को पत्र भेज कर ऐसे विद्यार्थियों की मदद करने का निर्देश दिया है.
कुलपति को कहा गया है कि कोई विद्यार्थी अगर अपनी शिक्षा यहां रह कर पूरी करना चाहते हैं अौर नामांकन के लिए आवेदन देते हैं, तो विवि व संस्थान वैसे विद्यार्थियों का संबंधित कोर्स में रिक्त सीटों पर नामांकन ले सकते हैं. डॉ उन्नीकृष्णन ने कहा कि लगभग 20 हजार भारतीय विद्यार्थी युद्धग्रस्त यूक्रेन से देश लौट आये हैं. ये सभी विद्यार्थी हताशा में हैं, क्योंकि युद्धग्रस्त देश में उनका शैक्षिक भविष्य अनिश्चित है.
यह मामला भारतीय संसद में भी उठाया गया था. साथ ही यह निर्णय लिया गया था कि ऐसे विद्यार्थियों के लिए सभी शैक्षिक संभावनाअों को सुगम बनाया जायेगा, जो भारत में अपनी शिक्षा जारी रखना चाहते हैं. इनकी उपेक्षा करना उचित नहीं है. एआइसीटीइ के निर्देश के आलोक में जेयूटी के कुलपति प्रो विजय पांडेय ने सभी संबंधित संस्थानों को ऐसे मामले आने पर प्रक्रिया के तहत निर्देशों का पालन करने को कहा है.
झारखंड में लौटे हैं कई विद्यार्थी: यूक्रेन में युद्ध के बाद वहां इंजीनियरिंग, मेडिकल व अन्य कोर्स कर रहे झारखंड के कई विद्यार्थी वापस लौटे हैं. झारखंड में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए बीआइटी सिंदरी, निफ्ट हटिया अौर ट्रिपल आइटी के साथ प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, जहां लेटरल इंट्री हो सकती है. जबकि मेडिकल के रूप में रिम्स, एमजीएम जमशेदपुर व पीएमसीएच धनबाद में ही लेटरल इंट्री के तहत नामांकन लिया जा सकता है.